Honor ceremony organized for the mothers and wives of martyrs
नागौर. ‘नारी पृथ्वी है, जगत है, नारी जीवन की धुरी है, नारी बिन इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है, नारी का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता, नारी के जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता।’ इसी सोच के साथ मंगलवार को राजस्थान पत्रिका की ओर से शहीदों की माताओं एवं वीरांगनाओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। रामजस धारणिया ट्रक्स एवं श्याम इंड्स्ट्रीज के भींयाराम जाणी के सहयोग से शहर के बीकानेर रोड रीको औद्योगित क्षेत्र में िस्थत फूड कोर्ट होटल में आयोजित सम्मान समारोह में जब शहीद अर्जुनराम की माता भंवरीदेवी का सम्मान करने के लिए मंच पर बुलाया तो गाना बजने लगा ‘मैं मरता था जिस मुखड़े पर कभी उसका उजाला कम न हो, ओ माई मेरी, क्या फिकर तुझे, क्यों तेरी आंख से दरिया बहता है, तू तो कहती थी तेरा चांद हूं मैं…।’ इस पर भंवरीदेवी के आंखों से आंसू निकल आए, एकबारगी माहौल गमगीन हो गया, मंच पर एवं कार्यक्रम में उपिस्थत हर किसी की आंखे नम हो गई। वहीं दूसरी तरफ पत्रिका द्वारा आयोजित अनूठे कार्यक्रम की न केवल शहीदों के परिजनों ने बल्कि कार्यक्रम में शामिल हर किसी ने सराहना की।
राजस्थान पत्रिका के 67वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे पत्रिका ग्लोबल फेस्ट के तहत आयोजित सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि जिला कलक्टर पीयुष समारिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रिका ने वाकई अनूठी पहल की है, जो आगे भी जारी रहे, ऐसी वे आशा करते हैं। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति का आशीर्वाद हम सब पर सदा बना रहे और हम केवल एक दिन नहीं बल्कि पूरे साल महिलाओं का सम्मान करें। हमें हमारी सोच एवं सामाजिक दृष्टि को बड़ा बनाना होगा। उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शाम को बेहतरीन बनाया है। नगर परिषद सभापति मीतू बोथरा ने कहा कि शहीदों एवं उनके परिवारों का देश पर जो कर्ज है, हम उसे जीवन भर नहीं उतार सकते, लेकिन शहीदों के परिवारों का सम्मान कर थोड़ा सम्बल उन्हें दे सकते हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल मुकेश शर्मा ने कहा कि महिला दिवस के पावन पर्व पर राजस्थान पत्रिका ने वीरांगनाओं एवं शहीदों की माताओं को सम्मानित करने का कार्यक्रम आयोजित कर अनूठी पहल की है। कोई भी सैनिक, जो देश की रक्षा के लिए अपनी शहादत देता है, वो शहादत केवल अपने लिए नहीं देता, बल्कि उसका जज्बा देश के लिए है। इसमें उसके परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। इस योगदान में सबसे बड़ा योगदान माताओं एवं वीरांगनाओं का है। इसलिए समाज में महिलाओं का सम्मान करें। इससे मातृ शक्ति को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपिस्थत डीटीओ ओमप्रकाश चौधरी, महिला सेल के एएसपी ताराचंद, जिला खेल अधिकारी भंवराराम सियाक, हरिराम धारणिया, भींयाराम जाणी मंच पर उपिस्थत रहे। राजस्थान पत्रिका के संपादकीय प्रभारी रुद्रेश शर्मा ने पत्रिका द्वारा सामाजिक सरोकार के तहत किए जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए सम्मान समारोह की शुरुआत की।
सैनिक की शहादत में पूरे परिवार का त्याग विशिष्ट अतिथि बीएसफ के डिप्टी कमांडेंट सुनील कुमार ने कहा कि सैनिक अकेले सेना में नहीं जाता, उसके साथ उसके पूरे परिवार का त्याग होता है। जब कोई सैनिक शहीद हो जाता है तो पूरा परिवार टूट जाता है। उन परिवारों के दु:ख को कम करने के लिए राजस्थान पत्रिका ने इस समारोह का आयोजन किया है, जो काबिलेतारीफ है। उन्होंने सभी वीरांगनाओं एवं माताओं को सेल्यूट किया।
बीआर मिर्धा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने सम्मान समारोह के आयोजक राजस्थान पत्रिका एवं प्रायोजक रामजस धारणिया परिवार व श्याम इंडस्ट्रीज के भींयाराम जाणी की सराहना करते हुए कहा कि हमारे जाबांज सैनिक किस तरह देश की रक्षा कर रहे हैं, उसकी हम कल्पना नहीं कर सकते। शहीदों एवं उनके परिवारों के त्याग व तपस्या को हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते। इस प्रकार के कार्यक्रमों से ही हम उनके दु:ख को बांट सकते हैं और उनके प्रति संवेदना व्यक्त कर सकते हैं।
इनका हुआ सम्मान राजस्थान पत्रिका की ओर से आयोजित शहीदों की माताओं एवं वीरांगनाओं के सम्मान समारोह में अतिथियों ने पोटलिया मांजरा निवासी शहीद रूघाराम की पत्नी घेवरीदेवी, कुचेरा निवासी शहीद भीरमाराम की पत्नी नैनीदेवी, राणास निवासी शहीद किसनाराम की पत्नी सीतादेवी, नराधना निवासी शहीद महेन्द्रपाल की माता बाऊदेवी, झटेरा निवासी शहीद सुमेरसिंह की पत्नी सरिता कंवर, अर्जुनपुरा निवासी शहीद अर्जुनराम की माता भंवरीदेवी, ईशननावड़ा निवासी शहीद सुगनसिंह के पुत्र मांगूसिंह, रूपाथल निवासी शहीद सीताराम की पत्नी बाऊदेवी, इंदास निवासी शहीद प्रभुराम चोटिया की पत्नी रूखीदेवी, संखवास निवासी शहीद सुरेन्द्रसिंह चौहाने के भाई गोविन्दसिंह चौहान, तीतरी निवासी शहीद तेजाराम जांदू की पत्नी बावरीदेवी, हरसोलाव निवासी शहीद भागीरथ कड़वासरा की पत्नी संतोषदेवी, कुड़छी निवासी शहीद चोखाराम की माता नानूड़ी देवी एवं मुंदियाड़ निवासी उगमसिंह की पत्नी समंदर कंवर को शॉल ओढ़ाकर व सिल्वर मेडल पहनाकर, श्रीफल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
शहीदों के बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने की घोषणा कार्यक्रम में उपिस्थत संस्कार एकेडमी के प्रबंध निदेशक प्रदीप ग्वाला ने रुरल फाउण्डेशन 21 के तहत जिले की शहीदों के पुत्र-पुत्रियों को आठवीं से आगे जहां तक पढऩा चाहे, अपनी कोचिंग में नि:शुल्क शिक्षा देने की घोषणा की। मंच संचालन शिक्षक शरद कुमार जोशी ने किया।
ये रहे उपिस्थत कार्यक्रम में लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष बनवारी लाल अग्रवाल, महिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रेमसिंह बुगासरा, उम्मेदसिंह राजपुरोहित, जगवीर छाबा, शिवकरण डेलू, सांई सेवा समिति के अध्यक्ष परमाराम जाखड़, लक्ष्मण जाणी, कैलाश सारडा, आरएलपी के जिलाध्यक्ष हनुमान भाकर, भंवरलाल जांगू, लिखमाराम भांभू, लिछुराम जाणी, मोहनराम, रमेश अपूर्वा, रवि सोनी, बजरंगलाल शर्मा, एडवोकेट विक्रम जोशी, नीलू खड़लोया, केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यनाराण गोयल, रामनिवास जांगीड़, राजेश रावल, दयाल प्रकाश, चंद्रशेखर शर्मा, रामदीन सारण, मनोज धारणिया, मनीष जैन, पवन जैन, बलवीर खुडख़ुडिय़ा, रामप्रकाश बिशु, दिनेश गहलोत एवं लक्ष्मीकांत बोहरा सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपिस्थत रहे।
Hindi News / Nagaur / नागौर में शहीदों की माताओं एवं वीरांगनाओं के लिए पत्रिका ने किया ये बड़ा कार्यक्रम, पढि़ए पूरी रिपोर्ट