वर्ष अप्रैल 2019 के पहले के वाहनों पर भी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने को लेकर परिवहन विभाग ने कवायद तेज कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि
नागौर, मेड़ता, जायल, रियाबड़ी, खींवसर आदि क्षेत्रों में ऐसे वाहनों की संख्या 50 हजार से ज्यादा हैं। इनमें दुपहिया, तीन पहिया एवं चार पहिया के साथ ही भार वाहक वाहन भी शामिल हैं।
कार्रवाई के आदेश
मुख्यालय ने निर्देश दिए है कि चाहे ट्रेक्टर हो या फिर ऑटोरिक्सा सभी को इसके दायरे में लेकर विभाग ठोस कदम उठाए । जिले के वाहन विक्रेताओं को हाईसिक्योरिटी प्लेट की अनिवार्यता के संदर्भ में पहले ही अवगत कराया जा चुका है। वाहन विक्रेताओं की ओर से दिए जाने वाली आईबी नंबर के बाद ही आरसी जारी होगी। अप्रैल 2019 के पहले के सभी वाहनों को हाईसिक्योरिटी प्लेट अब लगवानी होगी। इस माह के अंत तक का समय दिया गया है। इसके बाद विभाग सर्किलवार अभियान चलाकर जांच करेगा। अन्य प्लेट लगी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।- ओमप्रकाश चौधरी, डीटीओ, नागौर
परिवहन विभाग के अनुसार इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित करने में आसानी होगी। ई चालान, पॉल्यूशन, इंश्योरेंस और जीपीएस सिस्टम से मॉनिटरिंग आसान होगी। संदिग्ध वाहनों को ट्रेस करना आसान होगा। इससे रियल टाइम में लोकेशन के साथ ट्रेस करने की सुविधा मिलेगी। वाहन चोरी की घटनाओं को रोकने, नियमों का उल्लंघन करने पर ई चालान प्रक्रिया को आसान बनाने, इंटरनेट आधारित ट्रैफिक व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के मकसद से इसे अनिवार्य किया गया है। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स लेजर कोटेड हैं। इसके सेफ लॉक को खोला नहीं जा सकता। उसे केवल तोडऩे के बाद ही हटाया जा सकता है। ऐसे में अगर वाहन चोरी हो जाए और चोर फर्जी नंबर प्लेट्स लगाकर वाहन चलाएंगे या बेचेंगे तो पकड़ में आ जाएंगे।