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नागौर

सरकार की हठधर्मिता, किसानों को पहुंचाएगी बड़ा नुकसान, पटवारी हड़ताल पर

मोबाइल ऐप ‘राज खसरा गिरदावरी’ में आ रही समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान, पटवारियों की हड़ताल से गिरदावरी व क्रॉप कटिंग का काम दस दिन से बंद

नागौरSep 18, 2024 / 09:38 pm

shyam choudhary

मोबाइल ऐप ‘राज खसरा गिरदावरी’
नागौर. आधी-अधूरी तैयारी एवं बिना संसाधनों के राज्य सरकार की ओर लागू की गई ऑनलाइन गिरदावरी की व्यवस्था इस बार भी किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। एक महीने से ज्यादा समय होने के बावजूद अब तक गिरदावरी का 25 फीसदी कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। कई बार अवगत कराने के बावजूद मोबाइल ऐप ‘राज खसरा गिरदावरी’ में आ रही समस्याओं का समाधान नहीं होने से पटवारियों ने गत 9 सितम्बर से काम बंद कर दिया है और अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसे में गत वर्ष की तरह इस बार भी फसल बीमा कम्पनी क्रॉप कटिंग को निर्धारित समय के बाद की बताकर आपत्तियां लगाएंगी। इसका सीधा नुकसान किसानों को होगा, जबकि इस बार जिले की नागौर तहसील को छोड़कर अन्य सभी तहसीलों में अतिवृष्टि के कारण खरीफ की फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
राज्य सरकार के मंत्री गिरदावरी करवाने की बात कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर उनके दावे थोथे साबित हो रहे हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष भी पटवारियों की हड़ताल के कारण गिरदावरी व क्रॉप कटिंग समय पर नहीं हो पाई थी, इसके कारण बीमा कम्पनी ने 600 से अधिक दावों पर झूठी आपत्तियां लगा दी, जिसके चलते किसानों को फसल खराबे के बावजूद आज तक क्लेम नहीं मिल पाया।
एक महीने से लिख रहे पत्र औरदे रहे ज्ञापन

– राजस्व विभाग सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार के निर्देशानुसार मोबाइल ऐप ‘राज खसरा गिरदावरी’ से गिरदावरी 2081 खरीफ का कार्य 15 अगस्त 2024 को शुरू किया गया। पटवारियों ने ग्राउण्ड स्तर पर ऐप से गिरदावरी का कार्य शुरू किया तो कई प्रकार की समस्याएं आईं, जिनका सक्षम स्तर से निरतारण करवाने के लिए लिखा गया।
– 22 अगस्त को पटवार संघ के प्रतिनिधि मण्डल के साथ अतिरिक्त भू-प्रबंधन आयुक्त की अध्यक्षता में राजस्व मण्डल के अधिकारियों, एनआईसी के अधिकारियों, ऐप डेवलपर की की संयुक्त बैठक हुई। इसमें समस्याओं का समाधान करने के निर्णय लिए गए। लेकिन 25-26 दिनों तक ऐप में संशोधन नहीं हो पाया।
– आहत होकर राजस्थान पटवार संघ ने 9 सितम्बर से गिरदावरी कार्य बंद कर दिया। इसके सात दिन बाद तक सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

– नाराज होकर पटवार संघ ने 17 व 18 सितम्बर को गिरदावरी कार्य के साथ संपूर्ण कार्य बहिष्कार किया। लेकिन सरकार ने कोई सकारात्मक रवैया नहीं दिखाया। ऐसे में अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है।
कलक्टर लिख चुके तीन पत्र, समाधान कुछ नहीं

ऑनलाइन गिरदावरी व क्रॉप कटिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिए पटवारियों को संसाधन उपलब्ध कराने के लिए जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने राजस्व मंडल के निबंधक को 24 जुलाई को पत्र लिखा, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। ‘राज खसरा गिरदावरी’ ऐप में आ रही समस्याओं के सुधार के लिए भू-प्रबंध आयुक्त को कलक्टर पुरोहित ने 2 सितबर व 11 सितम्बर को पत्र लिखा था। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। कलक्टर ने पत्र में बताया कि ऐप में मौके पर ऑनलाइन गिरदावरी करते समय प्रमुख समस्या ऐप की धीमी प्रोसेसिंग है, जैसे प्लीज वेट, ‘आप खसरा सीमा में नहीं हैं’, ‘कृपया खसरा सीमा में गिरदावरी करें’, ‘आपका स्थान निकटतम सीमा से नूल मीटर दूर है’ आदि एरर प्रदर्शित होते हैं। गिरदावरी ऐप एक खसरे की गिरदावरी में तीन बार लोकेशन लेता है, जिससे ऐप लोकेशन दूंढने में आवश्यकता से अधिक समय ले रहा है। खसरा गिरदावरी करने पर लोकेशन के लिए संबंधित नक्शे पर नक्शा न खुलकर खाली पेज खुलता है, जिससे संबंधित खसरा नम्बर की लोकेशन प्राप्त नहीं हो पा रही है।
ऐप में ये संशोधन करवाने की मांग

– पटवारियों का कहना है कि खसरा बफर जोन 50 मीटर से 350 मीटर किया जाए। ऐप की कमजोर क्षमता के कारण गिरदावरी करते समय खसरे में मौजूद होने के बावजूद ‘खसरा की सीमा में नहीं हो’, ‘खसरा की सीमा से 51 मीटर दूर हो’, ‘खसरा की सीमा से नूल मीटर दूर हो’ जैसे मैसेज आते हैं। इसलिए बफर जोन बढ़ने से कार्य की गति बढ़ेगी।
– लोकशन डिसेबल का ऑप्शन पटवारी स्तर पर हो, क्योंकि तहसीलदार स्तर से पटवारी को समय पर डिसेबल खसरा की सुविधा नहीं मिल पाती। एक समय में एक ही गांव के खसरे डिसेबल हो सकते हैं। इसलिए पटवारी स्तर पर डिसेबल का ऑप्शन होने से चारदीवारी बनाकर ताला लगा होने से, खेत की तारबंदी में करंट लगा होने से, खेत में पानी भरा होने से, रास्ते के अभाव में, पटवारी डिसेबल कर उसकी गिरदावरी कर सकता है।
– खेत के भीतर जाकर गिरदावरी करने से महिला पटवारी के लिए विभाग स्तर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी हो।

– ऐप की क्षमता बढ़ाई जाए, ताकि कार्य त्वरित गति से किया जा सके। प्रदेश में जितने पटवारी हैं, उनकी तुलना में ऐप की क्षमता आधी भी नहीं है।
विडंबना : काम राजस्व विभाग का, पंचायती भू-प्रबंध विभाग की

गिरदावरी चाहे ऑफलाइन हो या ऑनलाइन, धरातल पर कार्य राजस्व विभाग के कर्मचारी करते हैं और इसकी मॉनिटरिंग भू-प्रबंधन विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। इसलिए ऐप में आ रही समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो रहा। राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भू-प्रबंधन विभाग के आगे लाचार हैं। ऐप में आ रही समस्याओं को लेकर खुद नागौर कलक्टर तीन पत्र लिख चुके हैं।
हम हड़ताल को मजबूर

समय पर गिरदावरी व क्रॉप कटिंग करना किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन ऐप में आ रही समस्याओं का समाधान एक महीने बाद भी नहीं किया गया है। न तो ऐप की क्षमता बढ़ाई जा रही है और न ही बफर जोन बढ़ाया जा रहा है। इसके कारण काम की गति बहुत धीमी है और छह महीने ही गिरदावरी का काम पूरा नहीं हो पाएगा। बार-बार अवगत कराने के बावजूद समाधान नहीं होने पर हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
– बुद्धाराम जाजड़ा, जिलाध्यक्ष, राजस्थान पटवार संघ, नागौर

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