Nagaur news…गले की फांस बनी गौशालाओं में सरकारी सुविधा, बढ़ा हुआ अनुदान देने से मुकरी सरकारी
- सरकार ने गौवंश के लिए बढ़ाया था अनुदान, अब सरकार बना रही राशि बढ़ाने से पहले गौशाओं को सत्यापन हो जाने का बहाना
नागौर. प्रदेश की अनुदानित गोशालाओं के गोवंशों को इस बार सत्र 2024-25 के सत्र के पहले चरण में बढ़ी अनुदान राशि नहीं मिलेगी। बढ़ी हुई अनुदान राशि इसी सत्र के दूसरे चरण की किस्त में मिलेगी। इसके पीछे बहाना बनाया जा रहा है कि सरकार की ओर से गत सितंबर माह में सर्कुलर आया, और इसे लागू करने का आदेश अक्टूबर माह से था। जबकि अनुदानित गोशालाओं के लिए अनुदान प्रक्रिया में सत्यापन का कार्य पहले ही शुरू हो चुका था। सरकार यदि बढ़ी हुई अनुदान राशि यदि पहले चरण के किस्त में देती तो इस पर करीब 59 करोड़ कका ही अतिरिक्त बजट भार पड़ता, लेकिन इससे गोशालाओं के संचालन में संचालकों को सहुलियत मिल जाती।
सत्यापन पहले हुआ, आदेश बाद में आने का बना बहाना
प्रदेश में अनुदानित गोशालाओं का अनुदान का झटका सरकार से मिला है। पहले चरण में बजट घोषणा में हुई 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी राशि नहीं दी जाएगी। पशु पालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार सरकार की ओर से आए हुए सर्कुलर में ही इसे एक अक्टूबर से लागू करने का स्पष्ट आदेश है। ऐसे में सर्कुलर आने से पहले ही सत्यापित हो चुकी गोशालाओं के गोवंशों को अनुदान नहीं दिया जा सकता है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार आदेश की पालना तो सर्कुरलर के अनुसार ही अछरश: ही की जाएगी। इसके विपरीत नहीं जाया जा सकता है। कुल मिलाकर यह झटका बढ़ी हुई अनुदान राशि मिलने की खुशी मना रहे पशुपालकों को मिला है। इससे इनमें असंतोष तो है, लेकिन फिर भी इसका खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे। नाम नहीं छापे जाने के आश्वासन पर गोशाला संचालकों ने बताया कि सत्यापन का कार्य पहले से होना तो अच्छा ही था। सरकार ही इस आदेश में सुधार कर लेती तो बेहतर रहता। अकेले नागौर कुल 426 अनुदानित गोशालाओं में बड़े गोवंशों को 608995200 को मिलने वाली अनुदान राशि में इसका डेढ़ गुना का इजाफा हो जाता।
इतनी मिलेगी अनुदान राशि
प्रदेश में अनुदानित गोशालाओं की संख्या केवल 3498 ही है। इसमें बड़े गोवंशों की संख्या 10 लाख 89 हजार 956 है। जबकि छोटे गोवंशों की संख्या दो लाख 68 हजार 92 है। पूर्व निर्धारित अनुदान राशि के तहत बड़ों पर प्रतिदिन के हिसाब से 40 रुपए और छोटे गोवंशों पर 20 रुपए दिए जाते हैं। यह अनुदान राशि प्रतिदिन के हिसाब से प्रथम चरण में यानि की कुल चार माह का अनुदान एक साथ इन गोशालाओं को दिया जाना था। अभी इन गोशालाओं के बड़े गोवंशों के लिए अनुदानित राशि 5231788800 मिलनी है। यह राशि बड़े गोवंशों पर प्रतिदिन 40 रुपए के हिसाब से ही देय रहेगी।
बढ़ी अनुदान राशि मिलने पर इतना बढ़ता बजट भार
सरकार की ओर से बजट घोषणा के अनुरूप यदि प्रदेश के 3498 गोशालाओं में रह रहे बड़े एवं छोटे गोवंशों को अनुदान राशि दी जाती यह राशि केवल केवल 58 करोड़ 75 लाख 20 हजार 960 रुपए का अतिरिक्त बजट भार पड़ता। यानि की यह राशि रोजाना लगभग 44 लाख रुपए के हिसाब से मिलती। इससे गोशालाओं में गोवंशों के रखरखाव में गोपालकों को सहूलियत मिल जाती। पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी फिलहाल अप्रैल, मई, जून एवं जुलाई अनुदानित किस्त पहले चरण में आएगी, और दूसरे चरण में दिसंबर, जनवरी, फरवरी एवं मार्च की किस्त मिलेगी। इनको बढ़ी हुई अनुदान राशि का फायदा दूसरे चरण की किस्त में मिल जाएगा।
इनका कहना है…
गोशालाओं को बढ़ा अनुदान राशि सत्र 2024-25 के दूसरे चरण किस्त में मिलेगी। कारण कि सरकार की ओर से आए सर्कुलर में स्पष्ट है कि इसे एक अक्टूबर 2024 से लागू माना जाएगा। जबकि गोशालाओं का सत्यापन पहले ही हो चुका था। पहले चरण की अनुदानित राशि पूर्व निर्धारित अनुदानित राशि के तहत ही आएगी।
डॉ. मूलाराम जांगू, वरिष्ठ चिकित्सक पशुपालन विभाग नागौर
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