सिविल वर्क में रूट, जमीन की जरूरत, निर्माण कार्य, इलेक्ट्रिक, सिंगनल, मैकेनिकल विंग से उनके कार्यो पर होने वाले खर्च का एस्टिमेंट लिया जाता है। वही ट्रेफिक विभाग नजदीकी गांवों, रोड़वेज, स्थानीय प्रशासन व अन्य तरीकों के जरिए यह डाटा एकत्रित करता है कि रेलवे को कितने पैंसेजर मिलेंगे, कितनी राजस्व आय होगी। दोनों पार्ट को एक फार्मूलें पर लेकर रेट ऑफ रिटर्न (आरओआर) निकाला जाता है। आरओआर पॉजिटिव होने पर प्रोजेक्ट शीघ्र मंजूर हो जाता है और सर्वे रिपोर्ट जीएम के जरिए रेलवे बोर्ड को भेजी जाती है।
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उत्तर-पश्चिम रेलवे पीआरओ पुरुषोत्तम पोरवाल ने कहा रेलवे बोर्ड ने सुजानगढ़- सालासर से खाटूश्यामजी के बीच में रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे कार्य की स्वीकृति जारी की है। एक करोड़ 12 लाख 50 हजार रुपए की व वित्तीय स्वीकृति भी दी है। रेल लाइन के लिए जल्दी ही सर्वे कार्य शुरू होगा।
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