खास बात यह है कि मानासर फाटक व बीकानेर रोड फाटक पर आरयूबी बनाने के लिए सरकार ने बजट स्वीकृत कर रखा है। बीकानेर रोड फाटक पर आरयूबी बनाने के लिए रिडकोर (रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ़ राजस्थान) ने वर्ष 2016 में 3.80 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया था। इसका काम छह महीने में पूरा हो जाना था, लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक काम भी शुरू नहीं हो पाया। हालांकि पहले एनएच के एक अधिकारी ने अपने स्तर पर प्रयास करके फाइल को आगे बढ़ाया, लेकिन बाद में उनका तबादला हुआ तो पीडब्ल्यूडी व नगर परिषद के अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी कि यहां आरयूबी की जरूरत ही नहीं है। अब यही प्रक्रिया मानासर फाटक पर स्वीकृत एलएचएस को लेकर अपनाई जा रही है। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में केन्द्र सरकार ने जब मानासर फाटक पर आरओबी के लिए 29 करोड़ 23 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया था, तब उसमें आरओबी के साथ लिमिटेड हाइट सब-वे (एलएचएस) बनाने का बजट भी शामिल रखते हुए स्वीकृति दी थी, ताकि छोटे वाहन उससे गुजर सके। लेकिन पांच साल बाद भी न तो उसके लिए जमीन अधिग्रहण की गई और न ही उसकी प्रक्रिया शुरू की।
गौरतलब है कि बीकानेर रोड फाटक पर बनने वाले आरओबी की लम्बाई करीब एक किलोमीटर है, जो पुराना अस्पताल के सामने से शुरू होकर कृषि मंडी तिराहे तक बनेगा। ऐसे में सैनिक बस्ती, इंदिरा कॉलोनी, व्यास कॉलोनी, सुगनसिंह सर्किल क्षेत्र सहित आसपास रहने वाले लोगों को पहले पुराना अस्पताल के सामने जाना पड़ेगा और फिर आरओबी से फाटक पार करनी पड़ेगी। हालांकि अभी यह भी तय नहीं है कि यह आरओबी कब तक बनेगा, क्योंकि एनएच में टेंडर प्रक्रिया में ही छह-छह महीने लग जाते हैं, जबकि अभी पुराने ठेकेदार का ठेका निरस्त करने की कार्रवाई भी पूरी नहीं हुई है। इसी प्रकार मानासर फाटक पर भी यही समस्या आएगी। मानासर फाटक के इस पार और उस पार रहने वाले लोगों को शहर में आने-जाने के लिए आरओबी को क्रॉस करना पड़ेगा। खास बात यह है कि फाटक पार एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, पंचायत समिति सहित अन्य कार्यालयों में जाने के लिए कलक्ट्रेट से जाने वालों को पहले कॉलेज की तरफ जाना पड़ेगा और फिर आरओबी होते हुए फाटक पार करनी पड़ेगी। यदि यहां एलएचएस बन जाता तो दो मिनट में पटरियां पार कर लेते।
मानासर फाटक पर बन रहे आरओबी के साथ एलएचएस भी स्वीकृत किया था। दरअसल, एलएचएस, अंडरब्रिज का छोटा रूप है, जिससे दुपहिया व छोटे चार पहिया वाहन निकल सकते हैं। मानासर फाटक पर बनने वाला आरओबी कॉलेज रोड से शुरू होकर जोधपुर रोड की ओर जा रहा है। ऐसे में कलक्ट्रेट की ओर से जाने वाले वाहन चालकों को परेशानी न हो, इसके लिए इसकी विशेष अनुमति दी गई थी।
मानासर फाटक पर आरओबी के साथ बनने वाले एलएचएस के बिना तो हमारा रास्ता ही बंद हो जाएगा। मानासर फाटक के बाहर बसी करीब आधा दर्जन कॉलोनियों के लोगों को एलएचएस के बिना भारी परेशानी से गुजरना पड़ेगा। उन्हें फाटक पार जाने के लिए ही तीन से चार किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ेगा। हम इसे निरस्त नहीं होने देंगे, चाहे आंदोलन ही क्यों न करना पड़े।
– ललित लोमरोड़, पार्षद, वार्ड 4
पांच साल से अधिक समय होने के बावजूद ठेकेदार आरओबी का निर्माण नहीं कर पाया। वार्ड एक के वाशिंदों को रोजाना फाटक पार करने में परेशानी होती है। यदि अधिकारी समय पर आरयूबी बना देते तो आज पूरे शहर को सुविधा मिल जाती। अधिकारियों ने गलत किया है। रिडकोर से स्वीकृत आरयूबी व केन्द्र से स्वीकृत आरओबी को बनवाने के लिए न्यायालय की शरण लेंगे।
– गोविन्द कड़वा, पार्षद, वार्ड एक, नागौर
पहले हमारी प्राथमिकता मानासर आरओबी का काम पूरा करवाने की है। इसके बाद दोनों फाटक पर आरयूबी बनाने के प्रस्ताव बनाकर नई स्वीकृति लेकर बनवाएंगे। क्योंकि पहले की जो स्वीकृति है, वैसे बन नहीं पाएगा। यहां शहर की तरफ एक रास्ता और फाटक के पार दो रास्ते निकलेंगे। इसलिए उसका नया प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजेंगे। वैसे मानासर फाटक के एलएचएस के लिए दुकानदारों ने नहीं बनाने के लिए लिखकर भी दिया है।
– राहुल पंवार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी (एनएच), नागौर