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अधिकारिक सहमति
इसमें स्पष्ट रूप से केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकार की समन्वित राशि से से बनने वाले का हवाला देते हुए इसकी प्रक्रिया त्वरित गति से शुरू करने के संकेत दिए हैं। इससे अब यह पूरी तरह से साफ हो गया कि नागौर में बनने वाले मेडिकल कॉलेजन के निर्माण की सारी बाधाएं अब समाप्त हो गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार केन्द्रीय सरकार के सचिव की ओर से पत्र भेजने के बाद भी अब तक इसके शुरू होने पर लग रहे सारे संशय पूरी तरह से समाप्त हो गए हैं।
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वित्तीय स्वीकृति
नागौर जिले में बनने वाले मेडिकल कॉलेज की राह अब पूरी तरह से खुल गई है। गत दिवस दिल्ल में हुई बैठक में ही हालांकि इस पर सहमति की मुहर लग चुकी थी, लेकिन कोई अधिकारिक पत्र या दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए थे। अब गत चार अक्टूबर को भारत सरकार के सचिव अमित विश्वास की ओर से प्रदेश के दस मेडिकल कॉलेजों में नागौर के मेडिकल कॉलेज का हवाला देते हुए वित्तीय स्वीकृति का प्रपत्र प्राप्त होने के बाद भी संदेह के बादल छंट गए हैं। भेजे गए प्रपत्र में नागौर मेडिकल कॉलेज के लिए 325 करोड़ की राशि में 60 प्रतिशत राशि यानी कि 195 करोड़ की राशि भारत सरकार व 40 प्रतिशत राशि यानी कि 130 करोड़ की राशि राज्य सरकार की ओर से वहन की जाएगी।
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स्कीम के तहत स्वीकृति
भेजे गए प्रपत्र में भारत सरकार के सचिव ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कि केन्द्र सरकार की ओर से सेन्ट्रल स्पान्सर्ड स्कीम के तहत स्वीकृति हो चुकी है। इसलिए अब इस पर काम भी जल्द शुरू कर देना चाहिए। गौरतलब है कि विगत माह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से आए तीन सदस्यीय उच्चाधिकारियों के दल ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ जेएलएन का निरीक्षण किया था। इस दौरान भूखण्ड उपलब्धता की स्थिति, पांच साल की ओपीडी, प्रसव प्रक्रियाएं और उपलब्ध संसाधनों की जांच की थी। इसमें प्रशासन की ओर से जेएलएन के सामने ही 50 बीघा भूखण्ड के आवंटन का आवंटन किए जाने पर भी सहमति जता दी गई थी। बाद में इस प्रक्रिया को संपन्न करते हुए जिला कलक्टर दिनेश यादव की ओर से इसे प्रस्तावित रूप में भेज दिया गया था। हॉल ही में दिल्ली के निर्माण भवन के कॉन्फ्रंस रूम में भी इससे जुड़े बिंदुओं पर चर्चा के साथ ही इस समिति के सदस्यों ने सहमति की मुहर भी लगा दी थी, लेकिन इसकी अधिकारिक स्वीकृति जारी नहीं हो पाई थी। अब इस पर अधिकारिक स्वीकृति भी जारी हो गई।
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इनका कहना है…
नागौर के मेडिकल कॉलेज के संदर्भ में दिल्ली में हुई बैठक के बाद अब इस पर भारत सरकार के सचिव की ओर से अधिकरिक स्वीकृति भी जारी कर दी गई है। इससे निश्चित रूप से जिले के विकास को गति मिलने के साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों को चिकित्सा की उच्चस्तरीय सेवाएं भी मिलेंगी।
दिनेश यादव, जिला कलक्टर नागौर
केन्द्र सरकार के सचिव की ओर से जारी अधिकारिक पत्र के बाद अब नागौर मेडिकल कॉलेज पर पुख्ता तौर पर मुहर लग गई है। अब इसके निर्माण पर किसी भी तरह का कोई संशय नहीं रह गया है। जिले के लिए यह एक बहुत बड़ी सौगात मिली है।
शीशराम चौधरी, एडीशनल सीएमएचओ, नागौर.Nagaur patrika latest news