Nagaur. साध्वी ने समझाई रक्षासूत्र की महत्ता
नागौर•Aug 22, 2021 / 09:54 pm•
Sharad Shukla
Nagaur. Shravikas listening to discourses in Jaimal Jain Nursery
नागौर. जयमल जैन पौषधशाला में रक्षाबंधन के अवसर पर रविवार को साध्वी बिंदुप्रभा ने प्रवचन में कहा कि धर्म ही आत्मा का सच्चा रक्षक है। हर जीव सुरक्षित रहना चाहता है तो उसके लिए दूसरों की रक्षा करनी होगी। रक्षाबंधन सामाजिक एवं राष्ट्रीय पर्व ही नहीं, अपितु आध्यात्मिक पर्व भी है। रक्षा सूत्र स्नेह एवं कर्तव्य का सूत्र है। भाई द्वारा बहन के प्रति रक्षा के कर्तव्य निर्वाह हेतु संकल्प लिया जाता है। बहन द्वारा बांधी गई राखी कुछ समय बाद नहीं रहेगी। परंतु आज का पर्व एक प्रतीक निशानी स्मृति के रूप में हमेशा से भाई-बहन के प्रति प्रेम की भावनाओं का केंद्र रहा है। यह पर्व अन्याय, अनीति, अधर्म से रक्षा करने हेतु प्रेरित करता है। वर्तमान में महिलाओं पर हो रहे अन्याय, अत्याचार, शोषण को रोकने के लिए रक्षाबंधन के संदेश को पूरे देश में पहुंचाना ही समय की मांग है। हर पुरुष यदि सभी महिलाओं को अपनी बहन के समान समझ ले तो नारी पर होने वाले अत्याचार समाप्त हो सकते हैं। इस दौरान साध्वी ने जैन धर्म के अनुसार रक्षाबंधन के इतिहास से जुड़े अनेक घटनाओं का विस्तृत वर्णन भी किया। प्रवचन और जय-जाप की प्रभावना तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी किशोरचंद, पवन, अरिहंत पारख थे। प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर जयेश पींचा, दीपक सैनी, रसीला सुराणा एवं विनीता पींचा ने दिए। गत रविवार को हुई प्रतियोगिता में प्रथम- प्रेमलता ललवानी, द्वितीय- रीता ललवानी एवं तृतीय- सुशीला नाहटा रहीं। विजेताओं को जयमल जैन महिला मंडल की ओर से पुरस्कृत किया गया। मंडल द्वारा सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किये गए। आगंतुकों के भोजन का लाभ हरकचंद ललवानी ने लिया। इस मौके पर महेंद्र कांकरिया, अशोक ललवानी, प्रकाशचंद बोहरा, नरपतचंद ललवानी आदि उपस्थित थे।
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