कर रहे ऊंटों को बचाने का प्रयास
धरातल सोसाइटी के सचिव अंकित पावडिया ने बताया कि ऊंटों को बचाने के लिए सोसायटी के स्तर पर प्रयास जारी हैं। ऊंट पालकों को ऊंट पालन की समुचित और वैज्ञानिक जानकारी देने के साथ ही उनको प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए राज्य तथा केन्द्र सरकार को भी योजनाएं शुरू करनी होगी।
साढ़े आठ लाख ऊंट खत्म
वर्ष 1977 से वर्ष 2019 तक के आंकड़ों का आकलन करने पर पता चलता है कि करीब साढ़े आठ लाख ऊंट देश में कम हो गए हैं। यानि ऊंट घटने का प्रतिवर्ष का औसत 50 प्रतिशत से ज्यादा है। यह स्थिति तब है, जबकि ऊंट किसी बड़ी महामारी के शिकार नहीं हुए हैं। जानकारों के अनुसार आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र व केरला में गिनती भर के ऊंट हैं।
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इस तरह से घटता गया ऊंटों का कारवा
वर्तमान में देश में ऊंटों की संख्या कुल 2 लाख 51 हजार 956 रह गई है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1977 में 11 लाख, 1982 में 10 लाख 80 हजार, 1987 में 10 लाख, 1992 में 10 लाख 30 हजार, 1997 में 9 लाख 10 हजार, 2003 में 6 लाख 30 हजार, 2007 में 5 लाख 20 हजार, 2012 में चार लाख, 2019 में की 2 लाख 50 हजार रह गए हैं।
इनका कहना…
ऊंट पालन के लिए राज्य सरकार वर्ष में 10 हजार रुपए दो किस्तों में देती है। ऊंट पालन के लिए पालकों को प्रोत्साहित करने व लाभ आदि के बारे में विभाग शिविर लगाकर जानकारी देता है। – डॉ. मूलाराम जांगू, वरिष्ठ पशु चिकित्सा प्रभारी, पशु पालन विभाग, नागौर