नागौर व जोधपुर जिले में सीमेंट फैक्ट्रियों व अन्य औद्योगिक इकाइयों द्वारा गोचर, अंगोर, तालाब, जोहड़ आदि श्रेणी की भूमि पर खनन या निर्माण से जुड़े प्रकरणो को लेकर लिखित में तथा सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज हुई शिकायतों एवं उन पर की गई कार्रवाई को लेकर खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने करीब डेढ़ वर्ष पूर्व विधानसभा में प्रश्न लगाकर जानकारी मांगी। सरकार ने विधायक बेनीवाल के सवाल का डेढ़ साल बाद 22 जुलाई 2021 को जवाब दिया है, जिसमें बताया कि राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 91 में राजकीय भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के प्रावधान हैं। जवाब में बताया कि चारागाह भूमि व अन्य शामलात भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए समय-समय पर सभी जिला कलक्टर्स को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
राजस्व विभाग ने बताया कि उच्च न्यायालय जयपुर में दायर डीबी सिविल रिट याचिका संख्या 10819/2019 जगदीश प्रसाद मीणा एवं अन्य बनाम राजस्थान सरकार से 30 जनवरी 2019 को पारित आदेश की पालना में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में पीएसपीसी का गठन कर ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक भूमियों एवं सार्वजनिक भूमियां व सार्वजनिक स्थलों यथा चारागाह, जोहड़, तालाब, नदी, श्मशान आदि पर अतिक्रमण के सम्बन्ध में प्राप्त शिकायतों के समुचित निस्तारण एवं अतिक्रमण हटाने के सम्बन्ध में राजस्व विभाग ने 24 अप्रेल 2019, 26 दिसम्बर 2019 एवं 27 जनवरी 2021 को सभी जिला कलक्टर को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी बताया कि अतिक्रमण के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर मामलों में नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
जिले में गोचर व अंगोर भूमियों पर अतिक्रमण कर अवैध खनन करने व नियम विरुद्ध फैक्ट्री बनाने को लेकर समय-समय पर शिकायतें की गईं, लेकिन अधिकारियों ने न तो कार्रवाई की और न ही शिकायतों का जवाब दिया, जबकि राज्य सरकार कई बार निर्देश दे चुकी है कि सांसद व विधायकों के पत्रों का प्रगति रिपोर्ट के जवाब दिया जाए।
– नारायण बेनीवाल, विधायक, खींवसर