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नागौर

लिंक पर क्लिक करते ही लग रही चपत, डेढ़ महीने में साठ फीसदी से अधिक मामले

नागौर. साइबर ठग यूं तो नए-नए तरीके अपना रहे हैं पर अभी लिंक क्लिक करते ही खाता साफ करने का पैंतरा ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।

नागौरAug 18, 2024 / 09:29 pm

Sandeep Pandey

साइबर ठगी: जागरूक नहीं हो रहे लोग

साइबर थाना पुलिस जगा रही अलख पर लोग लालच में कर रहे खुद का नुकसान

केस:1

आपके नाम के पार्सल में गलत माल पकड़ा गया। सीबीआई अफसर अभी बात करेंगे। मामला गंभीर है, दिल्ली आ जाओ या फिर किसी को भेजकर मामला सेटल कर लो।

केस-2

इंस्टाग्राम पर सस्ते फर्नीचर खरीदने का झांसा। ऑनलाइन पेमेंट तो कर दिया पर माल नहीं पहुंचा, बाद में पता लगा कि नकली आईडी की फर्म थी।
केस-3

व्हाट्सएप पर लिंक मिला, जल्द मिलेगा खजाना। लिंक क्लिक करते ही सत्तर हजार रुपए खाते से साफ।

एक्सपोज

नागौर. साइबर ठग यूं तो नए-नए तरीके अपना रहे हैं पर अभी लिंक क्लिक करते ही खाता साफ करने का पैंतरा ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। करीब डेढ़ महीने में साइबर ठगी की पचास शिकायतों में से साठ फीसदी से अधिक इसी से हुई हैं। कोई सालभर के फ्री-रिचार्ज के चक्कर में क्लिक करते ही ठगा गया तो किसी ने विदेश में फ्री सैर के लालच में लिंक पर क्लिक कर डेढ़ लाख रुपए गंवा दिए।सूत्रों के अनुसार तरीका भले ही नया नहीं हो पर इन दिनों लिंक पर क्लिक करवा कर खाते में सेंध लगाने का ट्रेंड साइबर ठग अपना रहे हैं।
हाल ही में एक युवक के मोबाइल पर किसी रोचक खबर के नीचे लिंक पर क्लिक करते ही पहले उसका मोबाइल हैक हुआ फिर उसी के खाते से करीब 45 हजार रुपए की ऑनलाइन शॉपिंग कर ठगी कर ली गई। साइबर एक्सपर्ट ने तहकीकात की तो पाया कि मुम्बई में कहीं यह शापिंग हुई है। पीडि़त का मोबाइल हैक कर यह वारदात हुई थी, शिकायत दर्ज कराने में थोड़ा देरी हो गई। ऐसे में खाते से रकम होल्ड नहीं हो पाई। यह इकलौती वारदात नहीं है, पिछले एक-डेढ़ महीने में पचास से अधिक वारदात में सर्वाधिक इसी लिंक पर क्लिक करने से ही हुई है।
डेढ़-दो लाख तक की ठगी…

सूत्रों का कहना है कि लिंक के जरिए होने वाली ठगी में लगी चपत चालीस हजार से दो लाख तक की है। अलग-अलग तरीके की अटपटी सूचना/खबर अथवा झांसा/लालच संबंधी जानकारी के नीचे अपेक लिंक दे दिया जाता है। अब मोबाइल में यह आते ही हर कोई इसे क्लिक कर देता है, इसी के चलते नुकसान उठा रहा है। साइबर पुलिस की किसी भी लिंक को क्लिक नहीं करने की बार-बार चेतावनी का भी कोई खासा असर नहीं हो रहा। इसके अलावा इंस्टाग्राम के जरिए भी झांसे के चलते सस्ती खरीदारी के नाम पर ठगी की जा रही है।
सालभर में सिर्फ डेढ़ हजार फॉलोअर

सूत्र बताते हैं कि नागौर साइबर थाने का लोगों को समझाने/सतर्क करने का तरीका ही परवान नहीं चढ़ पाया है। साइबर थाना पुलिस संबंधी पेज के फॉलोअर ही एक साल बाद भी सिर्फ डेढ़ हजार हो पाए हैं। असल में लोग अंट-शंट रील देखने में व्यस्त हैं जबकि लोगों के लाभ की दी जाने वाली जानकारी को नजरअंदाज कर रहे हैं। इसके अलावा भी साइबर थाना पुलिस स्कूल/कॉलेज से लेकर जगह-जगह जागरूकता के कैम्प भी लगाती है पर इनका भी असर नहीं दिखता। साइबर एक्सपर्ट मुकनाराम का कहना है कि लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है। साइबर ठग नित नए तरीके बदलते हैं, हम इस पेज को रोजाना अपडेट कर लोगों को बचाव के तरीके बता रहे हैं, बावजूद इसके लोग इस पर ध्यान नहीं दे रहे।
लालच के चलते ठगी के शिकार

साइबर अपराध के अनुसंधान में लगे राकेश सांगवा, माधाराम, सुरेश, लुकमान, संतोष, सहीपाल हो, इन सबका कहना है कि सारी ठगी लालच में फंसकर हो रही है। अधिकांश ठगी के शिकार अठारह से पचास वर्ष तक की उम्र के हैं, वे ही लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं जो स्मार्ट फोन यूज कर रहे हैं।
इनका कहना

अलर्ट रहने की आवश्यकता है। बेवजह लालच में अधिकांश क्लिक को लिंक कर ठगी का शिकार हो रहे हैं। साइबर थाना पुलिस जगह-जगह लोगों को जागरूक कर रही है।

-उम्मेद सिंह सीओ साइबर थाना नागौर

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