निजी बसों में अवैध माल ढुलाई के खिलाफ कार्रवाई शुरू, 12 बसों के काटे चालान, देखिए तस्वीरें
परिवहन विभाग ने दो दिन में एक दर्जन से अधिक बसों के चालान कर लगाया डेढ़ लाख का जुर्माना, जीएसटी विभाग अभी कर रहा इंतजार, टेक्स चोरी के खिलाफ कार्रवाई नहीं
नागौर. निजी बसों में नियम विरुद्ध किए जा रहे माल के परिवहन को लेकर राजस्थान पत्रिका में समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला कलक्टर के निर्देश पर परिवहन विभाग ने निजी स्लीपर बसों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। परिवहन विभाग ने बुधवार शाम को नागौर से दिल्ली, अहमदाबाद सहित अन्य शहरों को जाने वाली बसों में नियम विरुद्ध माल परिवहन करने पर तथा गुरुवार सुबह दूसरे रा’यों व शहरों से आई बसों में अवैध तरीके से भरे सामान को लेकर धुंआधार कार्रवाई करते हुए 12 बसों के चालान काटे। परिवहन विभाग की टीम ने निजी स्लीपर बसों की छतों व डिक्कियों में अवैध रूप से भरे सामान को लेकर कार्रवाई करते हुए डेढ़ लाख का जुर्माना लगाया है, जिसमें से 80 हजार की वसूली भी कर ली।
गौरतलब है कि नागौर से दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत सहित अन्य शहरों को जाने वाली एवं दूसरे रा’यों से आने वाली निजी स्लीपर बसों में नियम विरुद्ध हो रहे अवैध माल परिवहन को लेकर राजस्थान पत्रिका ने 16 अक्टूबर को ‘यात्री बसें बनी माल वाहक, सरकार को पहुंचा रही राजस्व घाटा’ शीर्षक से व 17 अक्टूबर को ‘सौ-दो सौ रुपए में बसों से गांजा भेजो या बारूद, नहीं होती कोई जांच, यात्रियों की सुरक्षा नजरअंदाज’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया। समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने जिला परिवहन अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए, जिस पर डीटीओ ओमप्रकाश चौधरी के नेतृत्व में विभागीय अधिकारियों ने बुधवार शाम को व गुरुवार अलसुबह शहर में अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई करते हुए 12 बसों के चालान काटे। जिनमें 8 बसों की छतों पर परमिट की शर्तों का उल्लंघन करने पर तथा दो का बिना कर व दो का बिना दस्तावेज संचालन करने पर चालान काटा गया। विभाग की ओर से यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
नहीं जागा जीएसटी विभाग बसों में माल परिवहन करना एक ओर जहां परमिट शर्तों का खुला उल्लंघन है, वहीं टेक्स की भी बड़ी चोरी है। परमिट शर्तों का उल्लंघन करने पर परिवहन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी, लेकिन सरकार को बड़ा नुकसान टेक्स चोरी से हो रहा है, इसके बावजूद जीएसटी विभाग आंखें मूंदे बैठा है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि उ‘चाधिकारियों की अनुमति के बिना वे कार्रवाई नहीं कर सकते, जबकि उ‘चाधिकारियों का कहना है कि टेक्स चोरी की पुख्ता सूचना मिलने पर कार्रवाई करेंगे। अब उन्हें यह कौन बताए कि बसों में परिवहन होने वाला माल बिना बिल, बिल्टी व ई-वे बिल के इधर-उधर हो रहा है, इसकी जानकारी बस संचालक या माल भेजने और मंगवाने वाले तो देने से रहे। जब तक चैकिंग नहीं होगी, तब तक सबूत कैसे मिलेंगे। वैसे परिवहन विभाग की कार्रवाई से काफी कुछ स्पष्ट हो गया है। जीएसटी विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं होने से अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
12 बसों के चालान काटे निजी बसों में परमिट शर्तों का उल्लंघन करने, बिना कर व बिना दस्तावेज बस संचालन करने पर 12 बसों के खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना लगाया है। नियम विरुद्ध सामान ढुलाई करने पर निजी बसों के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
– ओमप्रकाश चौधरी, जिला परिवहन अधिकारी, नागौर जीएसटी वालों को भी लिखेंगे निजी बसों में नियम विरुद्ध माल का परिवहन करने पर परिवहन विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिस पर विभाग ने कार्रवाई की है। बसों में माल परिवहन में होने वाली कर चोरी को लेकर जीएसटी विभाग को भी लिखा जाएगा।
– अरुण कुमार पुरोहित, जिला कलक्टर, नागौर
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