scriptसरलता की जीती-जागती प्रतिमूर्ति थे आचार्य शुभचंद्र | Acharya Shubhachandra was the living embodiment of simplicity | Patrika News
नागौर

सरलता की जीती-जागती प्रतिमूर्ति थे आचार्य शुभचंद्र

Nagaur. आचार्य शुभचंद्र महाराज का 83वां जन्मदिवस मनाया गयानागौर में जन्मदिवस पर हुए विविध धार्मिक आयोजन

नागौरAug 18, 2021 / 11:44 pm

Sharad Shukla

Acharya Shubhachandra was the living embodiment of simplicity

Nagaur. Shravikas listening to discourses in Jaimal Jain Nursery

नागौर. जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में जयगच्छाधिपति 11वें पट्टधर आचार्य सम्राट शुभचंद्र महाराज का 83वां जन्मदिवस बुधवार को तप-त्याग पूर्वक मनाया गया। जयमल जैन पौषधशाला में आचार्य के महिमा की विशेषताएं बताते हुए हुए साध्वी बिंदुप्रभा ने कहा कि आचार्य शुभचंद्र सर्व संप्रदाय समुदाय के लोगों के बीच विशेष श्रद्धा एवं अनन्य आस्था के केंद्र थे। उनका जीवन सरलता, सादगी और संयम का त्रिवेणी संगम था। नाम के अनुसार ही आचरण, चिंतन, मनन, वाणी, व्यवहार सब शुभमय था। हर पल स्वाध्याय एवं अनुप्रेक्षा में रक्त रहते हुए शुभ भावों में रमन करते थे। सरलता की जीती-जागती प्रतिमूर्ति एवं सौम्य व्यक्तित्व के धनी थे। स्वयं प्रशांतचेता होने के कारण उनके सानिध्य में जाने वाला अमित शांति की अनुभूति करता था। उनका जन्म रुपावास पाली में हुआ। वह मात्र 17 वर्ष की आयु में संयम अंगीकार कर 63 वर्ष तक निर्भयम साधना का पालन करते हुए जिनशासन की महत्ती प्रभावना की। इकतीस वर्ष तक आचार्य पद पर रहते हुए जयमल संघ का कुशल नेतृत्व कर संघ को नई ऊंचाइयां प्रदान की। अंतिम समय में शारीरिक अस्वस्थता के कारण हुई वेदना को समभाव से सहन करते हुए आधि-व्याधि में भी समाधि में स्थित रहे। प्रेमलता ललवानी, रेखा सुराणा एवं रीता ललवानी ने जन्मदिवस पर भजन प्रस्तुत किया। संचालन संजय पींचा ने किया।
सामूहिक एकासन का हुआ आयोजन
आचार्य के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में सामूहिक एकासन का आयोजन रावत स्मृति भवन में किया गया। सामूहिक एकासन के लाभार्थी नरपतचंद, प्रमोद, सुनील, पूनम, नितेश ललवानी थे। प्रवचन और जय जाप की प्रभावना तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी पी.प्रकाशचंद, सुनील, भावेश ललवानी थें। प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विनीता पींचा, कल्पना ललवानी, सरोज चौरडिय़ा, प्रेमलता ललवानी एवं प्रकाशचंद बोहरा ने दिए। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि दोपहर में आचार्य सम्राट के जन्मदिन के उपलक्ष्य में धार्मिक अंताक्षरी का आयोजन किया गया। संघ के कार्यकर्ताओं ने जन्मदिवस पर विशेष मूक पशु-पक्षियों की सेवा भी की। अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने एकासन तप किया। इस मौके पर कन्हैयालाल ललवानी, महावीरचंद भूरट, नेमीचंद चौरडिय़ा, किशोरचंद ललवानी, पार्षद दीपक सैनी सहित अन्य श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थीं।

Hindi News / Nagaur / सरलता की जीती-जागती प्रतिमूर्ति थे आचार्य शुभचंद्र

ट्रेंडिंग वीडियो