मामला मुज़फ्फरनगर जिले के थाना शहर कोतवाली क्षेत्र के सुजडू गांव का है। यहां इदरीस नाम का एक शख्स अपनी बेटी नुसरत जहां का निकाह 7 दिसंबर 2017 को मुज़फ्फरनगर के थाना नई मंडी क्षेत्र के कुकड़ा निवासी महबूब खान से कराई थी। तीन बेटियों के पिता इदरीस अपनी माली हालत ख़राब होने के कारण बेटी को रुखसत के समय दान-दहेज़ नहीं दे पाए थे। इस कारण नुसरत को उसके पति और ससुराल पक्ष के लोग आए दिन परेशान करने लगे। शादी के एक माह बाद नुसरत के शौहर महबूब खान काम के सिलसिले में क़तर चले गए और फिर कुछ दिनों बाद क़तर से फ़्रांस चले गए। पति के विदेश जाने के बाद नुसरत के ससुराल वाले आये दिन उसके साथ मारपीट करने लगे। जब नुसरत ने अपने ऊपर हो रहे जुल्मो की जानकारी अपने पति को दी तो उल्टा उसके शोहर ने 25 जुलाई 2018 को अपनी पत्नी नुसरत को फ़्रांस से वीडियो कॉलिंग कर कहा की में तुझे तलाक़ दे रहा हूँ और एक साथ उसने तीन तलाक दे दिया। इसके बाद 9 अगस्त 2018 को महबूब खान फ़्रांस से वापस अपने घर आ गया और जिस पत्नी को वो तलाक़ दे चूका था, उससे जबरन जिस्मानी संबंध बना लिए। इसके कुछ दिनों बाद नुसरत गर्भवती हो गई। पत्नी को वापस पाने की चाह में महबूब खान पत्नी को लेकर मुज़फ्फरनगर के बिलासपुर मदरसे में गया। वहां के मौलवी से पत्नी को वापस पाने के लिए राय मांगी, जिसमें मौलवी ने फ़रमाया कि शौहर ने मोबाइल पर अपनी पत्नी को तलाक़ दिया है और अभी इद्दत पूरी भी नहीं हुई थी कि दोनों हम बिस्तर हो गए। चूंकि, इस दौरान तलाक़ के बाद शौहर के लिए बीवी नाजायज हो जाती है और शौहर ने बिना इद्दत के बीवी से संबंध बनाये, जो कि एक बड़ा गुनाह है। इस संबंध के बाद जो बच्चा पैदा होगा वो साबित उल नसब ही कहलायेगा। यानी नुसरत जहां और महबूब खान ही उस बच्चे के मां-बाप होंगे। अगर अब दोनों शौहर-बीवी की तरह रहना चाहते हैं तो उसके लिए हलाला जरूरी होगा। उसकी शक्ल ये है कि बच्चे के जन्म पर ये तीन तलाक की इद्दत पूरी होगी और नुसरत जहां की किसी गैर मर्द से हम बिस्तरी कराइ जाए और फिर जब वो मर्द अपनी मर्जी से तलाक़ देगा तो नुसरत जहां को इद्दत पूरी करनी होगी। उसके बाद अपने पहले शोहर महबूब खान से निकाह जायज कहलाएगा।
मौलवी से फतवा लेने के बाद नुसरत जहां का पति महबूब खान अपनी पत्नी पर अपने भाई के साथ हलाला करने का दबाव बनाने लगा, जो नुसरत को मंजूर नहीं था। इसके बाद वह किसी तरह अपने घर चली आई और पूरी जानकारी अपने परिवार को दी। नुसरत की माने तो उसे उस जुर्म की सजा दी जा रही है, जो उसने किया ही नहीं। उसका कहना है कि न तो उसने अपने पति को तलाक़ दिया है और न ही वह पति द्वारा तलाक़ देने के बाद संबंध बनाने के लिए राजी थी। इस लिए वो इंसाफ चाहती है। उसे न्याय मिले और उसके पति और ससुराल वालो के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाए। उन लोगों ने न सिर्फ उस पर जुल्म किए, बल्कि उसे उस दोराहे पर खड़ा कर दिया है, जहां न तो वह पति की हो सकती है और न ही अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को पिता का नाम दे सकती हूं। लाचार परेशान पीड़ित नुसरत और उसके परिवार वालों ने पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई है, जिसमें नुसरत ने अपने पति, देवर, नन्दोई और सास पर शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने का जिक्र किया है, लेकिन पुलिस ने अभी तक आरोपियों के खिलाड़ कोई कार्रवाई नहीं की है, बल्कि उल्टा पीड़िता और उसके परिजनों पर मकदमा दर्ज कर दिया है। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार का कहना है कि अभी तक ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। मिडिया के माध्यम से जानकारी हुई है। पीड़िता की शिकायत पर पुरे मामले की जांच कराइ जाएगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।