कुमार भूपेंद्र वर्तमान में बुढ़ाना एसडीएम के पद पर तैनात थे। वह पूर्व में मेरठ ( Meerut ) में भी तैनात रहे हैं। मेरठ में रहते हुए उन पर नियम विरुद्ध पशुचर भूमि काे एक निजी बिल्डर ( Builder ) के नाम करने के आराेप हैं। इन्ही आराेपाें में पर अब उन पर गाज गिरी है। मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ( Chief Minister Yogi Adityanath ) ने उन्हे उप जिलाधिकारी के पद से तहसील के पद पर अवनति करने का आदेश (order ) पारित किया है।
ये है पूरा मामला दरअसल मेरठ के शिवाया जमाउल्लापुर परगना दाैराला तहसील सरधना के राजस्व अभिलेखों में पशुचर भूमि को लेकर एक गड़बड़ घोटाला सामने आया था। यहां पशुचर के रूप में दर्ज 1.5830 हेक्टेयर भूमि काे वर्ष 2013 में एक निजी बिल्डर काे आवंटित कर दिया गया। इस मामले की शिकायत हाे गई। शिकायत पर जांच हुई ताे आराेप सही पाए गए। आराेप है कि, इसी मामले में वर्ष 2016 में जब भूपेंद्र वहां एसडीएम के पद पर तैनात थे तो उन्हाेंने सरकार ( UP Governement ) के हितों काे नजर अंदाज कर दिया और अपने हितों की पूर्ति के लिए रेवन्यू काेर्ट मैनुअल के खिलाफ अगस्त 2016 में अमल दरामद का आदेश पारित कर दिया।
इन्ही आदेशों में अब उन पर गाज गिरी है। शासन ने इसे कदाचर मानते हुए एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अब इस मामले में अन्य अफसरों पर भी गाज गिराने की तैयारी है। इस मामले में तत्कालीन एसडीएम के अलावा एक अपर आयुक्त और एक तहसीलदार समेत राजस्व निरीक्षक व लेखपाल के खिलाफ भी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।