यह सब उस समय हुआ जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुजफ्फरनगर पहुंचे। पुलिस लाइन में उनका हेलीकॉप्टर उतरा तो एसएसपी जिलाधिकारी और एडीजी के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, उत्तर प्रदेश सरकार में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री और बुढाना से भाजपा विधायक उमेश मलिक मुख्यमंत्री का स्वागत करने पहुंचे। इसके बाद मुख्यमंत्री जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए जिला कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत के चौधरी चरण सिंह सभागार में पहुंचे। यहां नगर पालिका परिषद की चेयरमैन अंजू अग्रवाल गेट के बाहर ही खड़ी रही। मीटिंग में केंद्र सरकार के पशुपालन डेयरी और मत्स्य विकास राज्यमंत्री
डॉ संजीव बालियान, उत्तर प्रदेश सरकार के व्यवसायिक शिक्षा में कौशल विकास विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री
कपिल देव अग्रवाल, मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना सीट से भाजपा विधायक
उमेश मलिक, पुरकाजी सुरक्षित सीट से
प्रमोद ऊंटवाल, खतौली से विधायक
विक्रम सिंह सैनी, जिला अध्यक्ष भाजपा मुजफ्फरनगर
विजय शुक्ला के अलावा जनपद के अधिकारी मौजूद रहे।
जब इतना कुछ हो गया ( no entry in CM meeting ) तो नगर पालिका परिषद की चेयरमैन
अंजू अग्रवाल को काफी अपमान महसूस हुआ और वह रोने लगी। रोने की बात पुलिस अधिकारियों को पता चली तो उन्हे अंदर जाने दिया गया लेकिन तब तक मुख्यमंत्री मीडिया ब्रीफिंग के लिए बाहर आ गए। बाद में
मुख्यमंत्री के जाने के बाद नगर पालिका परिषद की चेयरमैन ने मीडियाकर्मियों को पूरा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि मैं नगर पालिका परिषद की चेयरमैन हूं। बोली की मैने हर मोहल्ले, हर वार्ड में जाकर सैनिटाइजेशन का कार्य कराया। मास्क वितरण किया और कोरोना कॉल में भी मैंने नगर पालिका परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों को साथ लेकर काफी मेहनत की। मगर आज उन्हें मुख्यमंत्री की बैठक में नहीं जाने दिया गया। उन्होंने बिना नाम लिए भाजपा के एक बड़े नेता पर षड्यंत्र का आरोप भी लगाया।
गौरतलब है कि नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर में हुए नगर पालिका चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को पछाड़कर कांग्रेस के चिन्ह पर चुनाव जीती अंजू अग्रवाल कुछ दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थी। मगर शुरू से ही भाजपा नेताओं और पालिका चेयरमैन के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पाया है। भले ही चेयरमैन भाजपा का झंडा लगाए घूम रही हों मगर भारतीय जनता पार्टी में अभी भी उन्हे वह सम्मान नहीं मिल पाय है। ऐसे हम नहीं कह रहे बल्कि आज की घटना इस बात की वकालत करती है।