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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में देशभर में दलितों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसमें जनपद मुजफ्फरनगर में भी भीम आर्मी सहित तमाम दलित संगठनों द्वारा एकजुट होकर धरना प्रदर्शन किया था। इस दौरान दलितों द्वारा कई स्थानों पर तोड़फोड़ और मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया था। बाद में रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर सवारियों से भरी एक ट्रेन को भी कई घंटों तक रोके रखा था। जिला प्रशासन द्वारा रेल को दलितों से कब्जा मुक्त कराने को लेकर तमाम प्रयास किए गए थे, मगर कई घंटों की मशक्कत के बाद रेल को उस समय छोड़ा गया था, जब थाना नई मंडी कोतवाली पर भीड़ द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ कर डाली, जिसके बाद पुलिस द्वारा भी फायरिंग की गई। मगर दलितों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। गुस्साए दलितों ने थाना नई मंडी कोतवाली के अंदर और बाहर खड़ी मुकदमे की 2 दर्जन से भी ज्यादा कारों और बाइकों को आग के हवाले कर दिया था। इस घटना में एक युवक अमरेश की भी मृत्यु हो गई थी। इस मामले में पुलिस की ओर से लिखे गए मुकदमे के बाद कई दलित नेताओं को जेल जाना पड़ा था, जिसमें शहीद उधम सिंह सेना के विकास मेडियन भी शामिल थे। रविवार को विकास मेडियन की जेल से रिहाई हुई है, जिसमें भीम आर्मी और शहीद उधम सिंह सेना के कार्यकर्ताओं ने विकास मीडियम की रिहाई पर जिला कारागार से ढोल नगाड़ों के साथ जश्न मनाया। इस दौरान भीम आर्मी के उपकार बाबरा और शहीद उधम सिंह सेना के विकास में मेड़ियन ने सरकार पर जमकर निशाना साधा।
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जेल से छूटने के बाद शहीद उधम सिंह सेना के नेता विकास मेडियन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी/ एसटी एक्ट में बदलाव कर लगभग सारे प्रावधान खत्म कर दिए थे। इसी के विरोध में 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद का आयोजन किया गया था। उस दौरान जब हम शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे, तभी प्रशासन ने सोची-समझी साजिश के तहत प्रदर्शन में हिंसा कराई। कुछ अधिकारी इस टाइप के थे, जो हमारे शांतिपूर्वक धरने प्रदर्शन को जलियावाला बाग बनाना चाहते थे। पुलिस अपराधियों के पैर पर गोली मार रही है, लेकिन हमारे लोगों के पैर पर नहीं सीने पर गोली मारी जा रही है। आंदोलन में हमारे 11 लोग शहीद हो गए। पुलिस प्रशासन का यह मंतव्य था कि मुजफ्फरनगर को जलियावालाबाग बना दिया जाए। अगर यही बात है तो हम इससे भी नहीं डरेंगे। हम हटने वाले नहीं हैं।
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16 महीने जेल काटी है और हम दोबारा भी जाने के लिए तैयार है अगर हमारे लोगों के अधिकारों पर अगर आंच आए तो हम लोग फिर से लड़ेंगे इसी तरीके से सरकार तानाशाही हो चुकी है जो भी हक की आवाज उठाकर सरकार से उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी क्योंकि सरकार ऐसा व्यक्ति बर्दाश्त नहीं कर सकती जिसमें लोकतांत्रिक मूल्यों पर इनका विश्वास ही नहीं है और अब हम आगे की कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करेंगे जैसे कि हमारे 11 लोग शहीद हुए उनके हक की लड़ाई लड़ी जाएगी।