लंबे समय से शामली जिला अधिकारी के रूप में तैनात आईएएस अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह को मंगलवार को चुनाव आयोग की अनुमति के बाद शामली से हटा दिया गया है। गौरतलब है कि उनके पास चुनाव आयोग से संबंधित कुछ कार्यों की भी जिम्मेदारी थी। इस वजह से सरकार को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी पड़ी। उनके स्थान पर लखनऊ में निदेशक स्थानीय निकाय के पद पर तैनात अखिलेश सिंह को शामली का जिलाधिकारी बनाया गया है।
भाजपा की हुई थी हार
कैराना से बीजेपी के सांसद रहे हुकुम सिंह के निधन के बाद कैराना लोकसभा सीट खाली हो गई थी, जिस पर चुनाव आयोग ने फिर से इस वर्ष उपचुनाव कराया और इस दौरान भाजपा प्रत्याशी के रूप में भाजपा के दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह और रालोद के सिंबल पर सपा समर्थित प्रत्याशी तबस्सुम हसन कैराना उपचुनाव के मैदान में थी, दोनों के बीच चुनावी टक्कर हुई, जिसमें भाजपा की प्रत्याशी मृगांका सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। कैराना उपचुनाव हार के बाद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह ने शामली जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद से डीएम इंद्र विक्रम सिंह सुर्खियों में थे।
झिंझाना का जहरीली शराब कांड
झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव कमालपुर में जहरीली शराब के पीने से 5 लोगों की मौत हो गई थी। जहरीली शराबकांड को लेकर भी प्रदेशभर के उच्चाधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया था और शराबकांड के बाद जनपद शामली एक बार फिर चर्चाओं में आ गया था। इसके बाद से जहरीली शराबकांड मामले में डीएम इंद्र विक्रम सिंह सहित आबकारी विभाग के कई अधिकारी जांच के दायरे में थे।
अवैध खनन बना गले की फांस
शामली जिले में कैराना क्षेत्र यमुना खादर के खनन प्वॉइंट के वेध पट्टों की आड़ में अवैध रूप से खनन माफियाओं द्वारा खनन करने को लेकर भी मामला प्रदेशभर में गूंज रहा था। हाल ही में 2 दिन पूर्व भी मीडिया में अवैध रेत खनन की खबर प्रमुखता से साथ चलाई गई थी, जिसके बाद शामली जिला प्रशासन ने एक्शन मोड में आकर अवैध रूप से चल रही भारी मशीनों को खनन प्वाइंट्स से बंद कराया था। जबकि खनन माफिया मौके से फरार होने में कामयाब रहे थे।