फाइनेंस कपंनी श्रीराम ट्रांसपोर्ट (एसटीएफसी) ने बाॅण्ड के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। इस कंपनी ने अलग-अलग सीरीज के लिए 9.12 फीसदी से लेकर 9.70 फीसदी तक रिटर्न देने का ऐलान किया है। कंपनी ने जानकारी दी है कि यह बाॅण्ड नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज ( NSE ) और बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज ( BSE ) पर लिस्ट होगा। आइए जानते हैं इससे जुड़ी सभी जानकारी।
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एक महीने के लिए खुलेग पहला ट्रांच
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस अपने नाॅन-कन्वर्टिबल डिबेंचर ( NCD ) का पहला ट्रांच 17 जुलाई से खोलने जा रही है, जोकि 16 अगस्त को बंद होगी। हालांकि, अधिक अभिदान मिलने पर इसे तय समय से पहले भी बंद किया जा सकता है। यह कंपनी पहले फेज में सिक्योर्ड रेडिमेबल एनसीडी के जरिये 300 करोड़ रुपये के लिए 1000-1000 रुपये के अंकित मूल्य के बाॅण्ड जारी करेगी। साथ ही कंपनी ने यह भी साफ किया है कि अधिक अभिदान मिलने पर 10,000 करोड़ रुपये तक की बोली रखने का भी विकल्प रखी है।
रेटिंग एजेंसियों ने दी है बेहतर रेटिंग
स्कीम के तहत 42 महीने से लेकर 84 महीने तक के लिए निवेश का विकल्प मिल सकेगा। इस बाॅण्ड पर आपको 9.12 फीसदी से लेकर 9.70 फीसदी तक का ब्याज मिल सकेगा। साथ ही, निवेश की श्रेणी में वरिष्ठ नागरिकों को सभी सीरीज में 0.25 फीसदी ब्याज का अतिरिक्त प्रोत्साहन भी मिल सकेगा। इस बाॅण्ड को कई रेटिंग एजेंसियों ने बेहतर रेटिंग भी दी है। केयर रेटिंग्स, क्रिसिल और इंडिया रेटिंग ने इसे AA+/स्टेबल रेटिंग दी है। ऐसे में इन रेटिंग से बांड की सेफ्टी को लेकर बेहतर संकेत भी मिल रहे हैं। इस रेटिंग से यह भी साफ हो जा रहा है कि कंपनी का बिजनेस बेहतर है और उसे मुनाफा भी हो रहा है।
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कितना कर सकते हैं निवेश
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस की एक एनसीडी बांड की वैल्यू 1,000 रुपये रखी गई है। एक निवेशक के तौर पर आप न्यूनतम 10 बांड के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं, एक रिटेल निवेशक अधिकतम 10 लाख रुपये तक के बांड के लिए आवेदन कर सकता है।
क्या होता है एनसीडी
निवेश से रेग्युलर इनकम के लिए नाॅन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) को बेहतर विकल्प माना जाता है। बता दें कि एनसीडी किसी भी कंपनी की तरफ से जारी किया गया एक तरह का बांड होता है। इस बांड पर एक ब्याज दर तय किया जाता है। कन्वर्टिबल डिबेंचर के मुकाबले यह ब्याज दर अधिक होता है। हालांकि, यह सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड भी हो सकते हैं। सिक्योर्ड का मतलब गारंटी की जरूरत से है, वहीं अनसिक्योर्ड में गारंटी की जरूरत नहीं होती है।
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