हुआ यह बदलाव
पीएफआरडीए के नए सर्कूलर के अनुसार ऑल सीटिजन मॉडल के तहत आने वाले निवेशक अब एक वित्त वर्ष में 1 बार की जगह दो बार सीआरए चुन या फिर बदल सकते हैं। वहीं जो अकाउंट होल्डर नियोक्ता-कर्मचारी संबंध के दायरे के तहत आते हैं वो दो से ज्यादा बार सीआरए बदल या फिर चुन सकते हैं। यह पूरी तरह से नियोक्ता पर निर्भर करेगा कि कि सीआरए बदलना चाहता है या फिर नहीं।
वास्तव में जिन लोगों ने साल दो बार वाली सुविधा को इस्तेमाल कर लिया है वो अधिक बार सीआरए बदल सकते हैं। यह इस बात पर डिपेंड करेेगा कि उनके नियोक्ता सरकारी या कॉरपोरेट मॉडल के अंतर्गत आते हैं या नहीं। वहीं कोई अकाउंट होल्डर अपने नियोक्ता के जरिए एनपीएस सदस्य बना है तो वह भी एक वित्त वर्ष में दो से अधिक बार सीआरए चेंज कर सकता है।
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पीएफआरडीए की ओर से दिया गया था प्रस्ताव
पीएफआरडीए के अनुसार सीआरए बदलने के बाद भी एनपीएस ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट में पुराने सीआरए के जरहए होने वाला ट्रांजेक्शन भी दिखाई देगा। वहीं 13 अप्रैल को पीएफआरडीए ने ऑनलाइन प्लान जेनरेशन मॉड्यूल के तहत ऑन बोर्डिंग प्रोसेस को स्ट्रीमलाइन करने का प्रस्ताव दिया था। जिसमें सीआरए को ऑनलाइन फोटो, सिग्नेचर आदि अपडेट करने की सुविधा देने को कहा गया था।