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एलआईसी की होल्डिंग्स को बेचेगी सरकार
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में सरकार आईपीओ के जरिए अपनी हिस्सेदारी कम करेगी। वित्तमंत्री ने लोकसभा में आम बजट 2020-21 पेश करते हुए कहा, “सरकार एलआईसी को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड करेगी।” हाल के दिनों में यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफर) हो सकता है। सरकार अगले वित्त वर्ष के आरंभ में अप्रैल में एलआईसी को सूचीबद्ध करेगी। एलआईसी को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने का यह फैसला सरकार का राजस्व बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
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आसान नहीं होगा एलआईसी का विनिवेश
चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाने की उम्मीद नहीं है। एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी को सूचीबद्ध करना कठिन हो सकता है, क्योंकि इसका बड़ा निवेश रियल स्टेट, आर्ट व इक्विटी मार्केट में है, जिसके मूल्य निर्धारण में समय लग सकता है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का सरप्लस 2018-19 में 9.9 फीसदी बढ़कर 532.14 अरब रुपये हो गया। यह पहला मौका था जब एलआईसी का सरप्लस 500 अरब रुपये के स्तर को पार कर गया।
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सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी निजी कारोबारियों को बेचेगी। इस घोषणा के बाद आईडीबीआई बैंक के शेयर 12 फीसदी से अधिक बढ़कर 38.25 रुपए पर पहुंच गए और प्रति शेयर 4.20 का लाभ हुआ। यह शनिवार को दोपहर 2.17 बजे यह 38.30 रुपए प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था। सरकार आईडीबीआई बैंक में लगभग 46.5 फीसदी हिस्सेदारी रखती है और एलआईसी द्वारा इसका अधिग्रहण किए जाने के बाद इसे निजी बैंक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। सितंबर में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सरकार ने बैंक में इक्विटी पूंजी के रूप में 9,300 करोड़ रुपए का निवेश किया।