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मध्य वर्ग को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सरकार अध्यादेश के माध्यम से दरों में कटौती कर सकती है। इस कदम से नौकरीपेशा वर्ग के लाखों लोगों को फायदा होगा, जिनका वेतन अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण काफी कम बढ़ा है या बिलकुल नहीं बढ़ा है। सिफारिशों के तहत, पांच लाख रुपये तक की कमाई वालों को आयकर से पूरी तरह छूट दी जा सकती है। फिलहाल यह छूट 2.5 लाख रुपये तक की आय वालों को उपलब्ध है। अभी पांच लाख तक की आय कर मुक्त है लेकिन इससे अधिक होने पर कर की गणना ढाई लाख से होती है।
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पांच लाख रुपए से 10 लाख रुपए कमाने वालों के लिए कर की दर घटकर 10 फीसदी की जा सकती है। वहीं, 10 से 20 लाख रुपए सालाना कमाने वालों को 20 फीसदी कर देना होगा। कार्यबल की सिफारिशों में कहा गया है कि 20 लाख रुपये से दो करोड़ रुपए तक की आय पर 30 फीसदी और इससे अधिक आय पर 35 फीसदी आयकर लगाया जाना चाहिए। कार्यबल ने आयकर पर लगाए गए अभिभारों और उपकरों को हटाने का सुझाव दिया है। टैक्स कनेक्ट के पार्टनर और सह-संस्थापक विवेक जालान का कहना है, “मांग बढ़ाने के लिए जरूरी है कि लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आए। इससे उनकी खरीद की क्षमता बढ़ेगी।”