उद्धव ठाकरे के उत्तर भारतीयों के सम्मेलन में हिस्सा लेने से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। अपने संबोधन में ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री दो दिन में महाराष्ट्र आ रहे हैं, वें गद्दारों के साथ बैठने वाले हैं। भ्रष्टाचार के आरोपियों को सम्मानित किया जाएगा। क्या यही आपका हिंदुत्व है? मंदिर की घंटियां बजाना हिंदुत्व नहीं है।
ठाणे में उत्तर भारतीय हिंदी भाषियों की सभा में उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैंने उत्तर भारतीयों के लिए जो भी संभव था, वह किया। आज हमारा देश उस मोड़ पर आ गया है जहां 2024 में नहीं हुआ तो हमारी ट्रेन छूट गई समझो। उसके बाद हमारा देश हमारे हाथ से चले जायेगा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि फिर हमारा देश इन निकम्मे तानाशाहों के हाथों में चला जाएगा।”
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने 3 मई की घटना को लेकर बीजेपी की केंद्र व मणिपुर सरकार पर भी निशाना साधा। ठाणे में उत्तर भारतीयों की एक जनसभा को संबोधित करते हुए उद्धव ने सवाल करते हुए कहा कि क्या दिल्ली में सत्ता में बैठे लोग महाभारत के “धृतराष्ट्र” बन गए हैं क्योंकि जब महिलाओं को अपमानित किया जा रहा था तो वे कार्रवाई करने में विफल रहे। ठाकरे ने यह कहने के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह की भी आलोचना की कि राज्य में हिंसा शुरू होने के बाद से ऐसी कई घटनाएं हुई हैं। इस बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया है।
बीजेपी का पलटवार!
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने ट्वीट के जरिए उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा, “बहुत दिन बाद उद्धव ठाकरे कल अपने घर से बाहर निकले और ठाणे पहुंचे। उन्हें अब उत्तर भारतीय मतदाताओं की याद आई है। और एक बार फिर पीएम मोदी की आलोचना की।” बावनकुले ने कहा “मोदी जी देश के लिए क्या करते हैं, इसका प्रमाण पत्र उद्धव ठाकरे को देने की कोई जरूरत नहीं है। मोदी जी ने देश को गौरवान्वित किया है। लेकिन उद्धव जी आपके हिंदू विरोधी रुख के कारण ईमानदार और वफादार शिवसैनिकों की गर्दन शर्म से झुक गयी। आप मोदी जी को तानाशाह कहते हैं और सोनिया गांधी के सामने झुक रहे हैं।”
उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए बीजेपी नेता ने कहा, “मेरा परिवार, मेरी ज़िम्मेदारी’ केवल आपके भाषण में है, लेकिन वास्तविकता कुछ और है। जब आदित्य ठाकरे को मंत्री बनाना था, तब आपको सच्चा शिवसैनिक नहीं दिखा। उन ईमानदार शिवसैनिकों को दूर रखा, इसलिए कभी हजारों की मौजूदगी में सभा करने वाले उद्धव ठाकरे को हॉल में सीमित होना पड़ा। अगर आपका नाटक ऐसे ही जारी रहा तो 2024 के बाद आपको चार लोगों के बीच में भाषण देने की नौबत आ जाएगी।“