उद्धव ठाकरे की एक गलती… और बच गई एकनाथ शिंदे की सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने की अहम टिप्पणी
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधते हुए कहा, “उन्होंने गैरकानूनी काम किया है। उसके लिए मुझे लगता है कि उनके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए। राज्यपाल किसी कानून के तहत नहीं आते तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे अपनी मनमर्जी करें।“आदित्य ठाकरे ने मांगा CM का इस्तीफा
महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा, “यह सिद्ध हुआ है कि ये सरकार गद्दारों की सरकार है और अनैतिक है। अगर कोई भी शर्म इस सरकार में हो तो वर्तमान भ्रष्ट मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और चुनाव का सामना करना चाहिए।“
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
शीर्ष कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और स्पीकर राहुल नार्वेकर के कुछ फैसलों पर कड़ी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने तत्कालीन राज्यपाल कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट कराने के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा, महाराष्ट्र के राज्यपाल का निर्णय भारत के संविधान के अनुसार नहीं था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राज्यपाल के पास ऐसा कोई संचार नहीं था जिससे यह संकेत मिले कि असंतुष्ट विधायक एमवीए सरकार से समर्थन वापस लेना चाहते थे। राज्यपाल ने शिवसेना के विधायकों के एक गुट के प्रस्ताव पर भरोसा करके यह निष्कर्ष निकाला कि उद्धव ठाकरे अधिकांश विधायकों का समर्थन खो चुके हैं।
मैं सिर्फ संसदीय और विधायी परंपरा जानता हूं- भगत सिंह कोश्यारी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा, “मैं सिर्फ संसदीय और विधायी परंपरा जानता हूं और उस हिसाब से मैंने तब जो कदम उठाए सोच-समझकर उठाए। जब इस्तीफा मेरे पास आ गया तो मैं क्या कहता कि मत दो इस्तीफा?” उन्होंने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में सिद्ध किया है कि जो मैंने शिंदे जी को शपथ दिलाने और मुख्यमंत्री का त्यागपत्र स्वीकार करने का निर्णय लिया था उसमें कहीं कोई त्रुटि नहीं है।“