लोको पायलट और ट्रेन गार्ड के इस मानवीय कदम की हर कोई सराहना कर रहा है। लेकिन दुर्भाग्य से घायल युवक की जान नहीं बच सकी। बताया जा रहा है कि घायल यात्री को तपोवन एक्सप्रेस से ही तुरंत मनमाड स्टेशन ले जाया गया और फिर उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
क्या है पूरा मामला? मुंबई से नांदेड जाने वाली तपोवन एक्सप्रेस शनिवार सुबह मनमाड जंक्शन स्टेशन यार्ड जैसे ही पहुंची, तो ट्रेन में यात्रा कर रहा 30 वर्षीय सरवर शेख चलती ट्रेन से नीचे गिर गया। उसे गंभीर चोट लगी।
शेख को ट्रेन से गिरता देख ट्रेन के गार्ड एसएस कदम ने घटना की सूचना तुरंत लोको पायलट एमएम आलम को दी। तब तक ट्रेन घटनास्थल से मनमाड स्टेशन की ओर डेढ़ किमी दूर आ गयी थी। जिसके बाद लोको पायलट ने ट्रेन को अगले स्टेशन मनमाड ले जाने की बजाय लगभग डेढ़ किमी पीछे तक ट्रेन रिवर्स कर घटनास्थल वाली जगह के आसपास रोक दी।
रेल यात्रियों की मदद से घायल सरवर को वापस ट्रेन में बिठाया गया। ट्रेन के मनमाड स्टेशन पहुंचने के बाद उन्हें तुरंत उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन दुर्भाग्य से गंभीर चोटों के कारण सरवर की जिंदगी का सफर हमेशा के लिए थम गया।
घटना की जानकारी रेलवे स्टेशन के सह-प्रबंधक शैलेंद्र सिंह के साथ ही रेलवे पुलिस को दी गयी। घायल सरवर को तुरंत इलाज के लिए एम्बुलेंस से मनमाड उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि स्टाफ और यात्रियों की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं।
सिंह ने कहा, आपातकालीन स्थिति में रेल नियमों का पालन करते हुए ट्रेन चालक और गार्ड ने मानवता दिखाई, जो कि सराहनीय है। हालांकि, दुर्भाग्य से यात्री की जान नहीं बचाई जा सकी, इसका दुख है।