महाराष्ट्र में सूर्यास्त के पहले तीसरा पहर में ग्रहण आरंभ होगा तथा इसे अधिकांश स्थानों से देखा जा सकेगा। ग्रहण का अंत भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि वह सूर्यास्त के बाद भी जारी रहेगा। भारत में उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अधिकतम ग्रहण के समय सूर्य पर चंद्रमा द्वारा आच्छादन लगभग 40 से 50 प्रतिशत के बीच होगा।
मुंबई में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को 24.3 प्रतिशत तक कवर कर लेगा। ग्रहण की अवधि प्रारंभ से लेकर सूर्यास्त के समय तक मुंबई में 1 घंटे 19 मिनट की होगी। पुणे में ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक 1 घंटे 14 मिनट की होगी।
— मुंबई- प्रारंभ- 4.49 सूर्यास्त-6.09 — पुणे- प्रारंभ- 4.51 सूर्यास्त-6.06 — नाशिक- प्रारंभ-4.47 सूर्यास्त-6.05 — नागपूर- प्रारंभ-4.49 सूर्यास्त-5.42 — कोल्हापूर- प्रारंभ-4.57 सूर्यास्त-6.06 — औरंगाबाद- प्रारंभ-4.49 सूर्यास्त-6.30 — सोलापूर- प्रारंभ-4.56 सूर्यास्त-6.30
गौरतलब हो कि अमावस्या को सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है तथा वे तीनों एक सीध में आ जाते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चन्द्र चक्रिका सूर्य चक्रिका को आंशिक रूप से ही ढक पाती है।
सूर्य ग्रहण को थोड़ी देर के लिए भी खाली आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए। चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे खाली आँखों से न देखें क्योंकि यह आँखों को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे अंधापन हो सकता है। भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा।