एसीपी उमेश माने पाटिल ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है। गिरफ्तार आरोपी टिटवाला, वाडा, पालघर, मनोर और भिवंडी इलाकों के रहने वाले हैं, उन्होंने कहा कि पुलिस एक अन्य आरोपी की तलाश में है जो भागने में सफल रहा। यह सांप भारत, ईरान और पाकिस्तान में पाया जाता है।
रेड सेंड बोआ की स्मगलिंग के पीछे कहानी: बता दें कि पुलिस ने जितने भी स्मगलर्स पकड़े सबका यही तर्क है कि इसमें अलौकिक शक्तियां होती हैं। इसका वैज्ञानिक नाम एरिक्स जॉनी है। यह सांप बिल खोदकर रहता है। चूंकि यह आसानी से खोदी जाने वाली रेत में बिल बनाता है, इसलिए इसे सेंड बोआ भी कहते हैं। इस सांप की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि ये जहरीला नहीं होता है। इस वजह से भी यह लोकप्रिय है। यह चूहे, छिपकली प्रजाति के कीड़े और मेंढकों को खाकर जीता है। इस सांप को भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित किया गया है। इसका शिकार गैरकानूनी है। महाराष्ट्र में यह कई हिस्सों में पाया जाता है। लेकिन खासकर पश्चिमी घाट और नासिक, मालेगांव और धुले के आसपास यह काफी मिलता है। इसकी कीमत लाख रुपये से लेकर करोड़ो रुपए तक होती है।
तांत्रिकों की वजह से ये सांप बिलुप्त होते जा रहे है। तांत्रिकों ने लोगों के मन में अंधविश्वास भर दिया है कि 2 से 2.5 किलो वजनी सांप धन और भाग्य को आकर्षित करता है। यानी जो व्यक्ति इन सांपों को पकड़ते हैं, उन्हें खा जाते हैं, उनकी जिंदगी बदल जाती है। कई लोगों का मानना है कि इस सांप में अलौकिक शक्तियां हैं। यह भाग्य, बल्कि व्यवसाय में धन और समृद्धि ला देता है।
सेंड बोआ की रीढ़ की हड्डी वशीकरण के लिए उपयोगी है। इस सांप को लेकर यह भी कहा जाता रहा है कि सांप से निकला फ्लूड यानी स्राव का उपयोग यौन जीवन के लिए ताकत हासिल करने और एड्स को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। वहीं, मेडिकल साइंस ने अभी तक इसे साबित नहीं किया है। इंटरनैशल मार्केट में इन सांपों की बहुत डिमांड है। इसके अलावा समाज में फैले कई मिथकों के चलते भी इन दोमुहे सांपों की कीमत बहुत ज्यादा है।