मुंबई: उद्धव गुट के नेता अभिषेक घोसालकर का लाइव मर्डर, हमलावर ने मारी 5 गोलियां, की आत्महत्या
मॉरिस के पास नहीं था लाइसेंस- पुलिस
मुंबई की एमएचबी पुलिस ने करीब 7 घंटे तक घटनास्थल की जांच के बाद एक पिस्टल, एक जिंदा कारतूस और सीसीटीवी फुटेज बरामद किया है। पुलिस ने कहा कि मौके से जो पिस्टल मिली है वह विदेशी पिस्टल है। मॉरिस के पास पिस्टल का लाइसेंस नहीं है। पुलिस को आशंका है कि दोनों के बीच किसी तरह की दुश्मनी थी और इसी वजह से यह वारदात हुई। इस मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।
अभिषेक को लगी 3 गोली
अभिषेक घोसालकर उद्धव गुट के पूर्व विधायक विनोद घोसालकर के बेटे हैं। फेसबुक लाइव खत्म होते ही अभिषेक को मॉरिस ने ताबड़तोड़ पांच गोलियां मारीं, जिनमें से तीन गोलियां लगीं। अस्पताल में अभिषेक को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने मृतक आरोपी मॉरिस के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
पीए समेत 2 हिरासत में
इस बीच पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने रात में आरोपी शूटर मॉरिस भाई के पीए मेहुल पारिख को हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही रोहित साहू नाम के एक और शख्स को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। क्राइम ब्रांच इस बात की जांच कर रही है कि आखिर किन वजहों से मॉरिस ने अभिषेक को गोली मारी और खुद आत्महत्या की। इस हत्याकांड का कारण क्या था? हर एंगल से मामले की जांच चल रही है। मॉरिस के पीए मेहुल से पूछताछ में बड़ा खुलासा होने की संभावना है।
पोस्टमार्टम के बाद अभिषेक घोसालकर का शव उनके बोरीवली घर लाया गया-
फडणवीस ने ली जानकारी
उद्धव खेमे के नेता अभिषेक घोसालकर पर फायरिंग की घटना के बाद शहर में हड़कंप मच गया है। पिछले कुछ दिनों से राज्य में लगातार गोलीबारी की ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इसलिए दहिसर मामले पर गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संज्ञान लिया है और उन्होंने पुलिस से पूरी घटना की जानकारी ली है। खबर है कि देर रात सीएम शिंदे और फडणवीस ने भी मामले पर चर्चा की है।
दो अलग-अलग मामले दर्ज
इस मामले में मुंबई पुलिस ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। एक एफआईआर शिवसेना (यूबीटी) नेता अभिषेक घोसालकर की हत्या के लिए और दूसरी एडीआर (एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट) मॉरिस की आत्महत्या के लिए दर्ज की गई है। मॉरिस भाई के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, शस्त्र अधिनियम की धारा 3 और 25 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37 (1) (ए) और 135 के तहत मामला दर्ज किया है।