मुंबई के शिवसेना भवन में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोई और बाल ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता। इसके बाद शिंदे खेमे को बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए शिवसेना ने एक प्रस्ताव पारित किया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है। साथ ही शिवसेना यह सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग भी जाएगी, जिससे कि पार्टी के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल विद्रोही खेमा न कर सके।
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में छह प्रस्ताव पास होने की जानकारी शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने दी है। उन्होंने बताया कि छठे प्रस्ताव में कहा गया है कि बालासाहेब ठाकरे का नाम अगर कोई अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करता है तो हमें ये मंजूर नहीं, उसपर क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राउत ने बताया कि उद्धव ठाकरे ने बैठक में कहा कि जो लोग शिवसेना छोड़कर गए हैं, वे शिवसेना के नाम से वोट नहीं मांगे और अगर वोट मांगते हैं तो अपने खुद के पिता के नाम पर मांगे। शिवसेना के पिता बालासाहेब ठाकरे के नाम पर वोट मत मांगे।
गौरतलब है कि गुवाहाटी के एक होटल में इस समय शिंदे के साथ शिवसेना के कम से कम 38 विधायक और 10 निर्दलीय विधायक हैं। शिंदे ने दावा किया है कि उनके नेतृत्व वाला समूह ही “वास्तविक शिवसेना” है। 58 वर्षीय शिंदे सतारा के रहने वाले हैं, लेकिन उन्होंने खुद को मुंबई से लगे ठाणे-पालघर क्षेत्र में शिवसेना के एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित किया है। शिवसेना के खिलाफ उनका विद्रोह 21 जून की सुबह सबके सामने आया था।