जस्टिस आरआई छागला ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन के मुकदमे में मंगलम ऑर्गेनिक्स (Mangalam Organics) के अंतरिम आवेदन पर यह आदेश पारित किया।
मंगलम ऑर्गेनिक्स द्वारा दायर मामले पर सुनवाई करते हुए पिछले साल 30 अगस्त को कोर्ट ने पतंजलि को उसके कपूर उत्पाद नहीं बेचने का आदेश दिया था।
आरोप है कि इसके बावजूद पतंजलि ने अपना कपूर उत्पाद बेचना जारी रखा। जिसके बाद मंगलम ऑर्गेनिक्स ने कोर्ट में अंतरिम आवेदन दिया। इस अंतरिम अर्जी के जरिए कोर्ट को बताया गया कि पतंजलि ने उसके आदेश का उल्लंघन किया है।
हकांकी एक हलफनामे में पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगी और कोर्ट के आदेशों का पालन करने का वचन दिया। हलफनामे में पतंजलि ने स्वीकार किया गया कि आदेश पारित होने के बाद 24 जून तक कंपनी से जुड़े वितरकों को 49,57,861 रुपये के कपूर उत्पादों की सप्लाई की गई। इसमें आगे कहा गया है कि 25,94,505 रुपये के उत्पाद अभी भी वितरकों के पास है और उनकी बिक्री रोक दी गई है।
मंगलम ऑर्गेनिक्स ने दावा किया कि पतंजलि ने 24 जून के बाद भी उत्पाद बेचे है। इसने आगे बताया कि कपूर उत्पाद 8 जुलाई तक तो पतंजलि की वेबसाइट पर ही बिक रहे थे। पतंजलि की ओर से दिए गए हलफनामे में इसका जिक्र नहीं किया गया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि पतंजलि ने खुद स्वीकार किया है कि निषेधाज्ञा आदेश के बाद भी उसने कपूर उत्पादों की आपूर्ति की। इसके अलावा उत्पाद 24 जून के बाद भी बेचे गए।
तदनुसार, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पतंजलि को आदेश की अवमानना के लिए 50 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया। साथ ही मंगलम ऑर्गेनिक्स को पतंजलि द्वारा उल्लंघनों का विवरण देने वाला एक हलफनामा देने का भी निर्देश दिया।
सोमवार को जब इस मामले की फिर सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट ने पतंजलि को आदेश का उल्लंघन करने के लिए 4 करोड़ रुपये और जमा करने का आदेश दिया।