मुंबई की कोर्ट ने शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के पारिवारिक मित्र और व्यवसायी सुजित पाटकर को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है। पूर्व बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया कि पाटकर ने देश के सबसे अमीर नगर निगम बीएमसी से जुड़े कोविड सेंटर में 100 करोड़ का घोटाला किया है। बाद में ईडी ने इस मामले का संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
ईडी ने कई बार पाटकर से पूछताछ की और उनके घर पर भी छापा मारा। पिछले महीने पाटकर को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने इस घोटाले से जुड़े होने के आरोप में डॉक्टर किशोर बिसुरे (Dr Kishor Bisure) को भी गिरफ्तार किया है।
क्या है आरोप?
ईडी ने शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के कथित दोस्त सुजीत पाटकर और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। हेल्थकेयर क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद पाटकर को महामारी के दौरान मुंबई में कोविड फील्ड अस्पताल बनाने का काम सौंपा गया था।
पिछले साल बीजेपी नेता किरीट सोमैया की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मुंबई की आजाद मैदान पुलिस स्टेशन ने लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज (LHMS) और पाटकर और उनके तीन सहयोगियों- हेमंत गुप्ता, संजय शाह, राजू सालुंके के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया था। इन चारों पर महामारी के दौरान कोविड फील्ड अस्पतालों के प्रबंध से जुड़ा बीएमसी कॉन्ट्रैक्ट धोखाधड़ी से हासिल करने का आरोप है। बाद में ईडी ने इस मामले की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।
आरोप है कि बीएमसी ने महंगी कीमत पर एलएचएमएस को ठेके दिए। साथ ही बीएमसी यह भी जानती थी कि एलएचएमएस एक रजिस्टर्ड फर्म नहीं है और उसे स्वास्थ्य सेवा का कोई अनुभव नहीं है। बीएमसी ने कथित तौर पर पहले ठेके दिए और एक साल बाद कंपनी के साथ संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए।