बिजनेस टाइकून रतन टाटा का पार्थिव शरीर आज शाम सफेद फूलों से सजे वाहन में मध्य मुंबई स्थित वर्ली शवदाह गृह लाया गया। जहां पर मुंबई पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत कई हस्तियां इस दौरान शवदाह गृह में उपस्थित थे।
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इससे पहले रतन टाटा के पार्थिव शरीर को दक्षिण मुंबई स्थित राष्ट्रीय कला प्रदर्शन केंद्र (एनसीपीए) में अंतिम दर्शन के लिए सुबह 10.30 बजे से दोपहर 4 बजे तक रखा गया जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए राजनीतिक, कारोबारी, खेल, मनोरंजन जगत के कई बड़े नाम पहुंचे।
टाटा ग्रुप को विश्व स्तर पर प्रसिद्धि दिलाने का श्रेय रतन टाटा को दिया जाता है। उनका बुधवार देर रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में लंबी बीमारी से निधन हो गया।
गौर हो कि रतन टाटा पारसी थे, फिर भी उनका अंतिम संस्कार पारसियों के दोखमेनाशिनी (Dokhmenashini) परंपरा से नहीं किया गया। पारसियों में शव को न ही हिंदुओं की तरह जलाया जाता है, ना ही मुसलमानों व ईसाईयों की तरह दफनाया जाता है। इसके बजाया पारसी धर्म में शव को पारंपरिक कब्रिस्तान, जिसे टावर ऑफ साइलेंस या दखमा कहते हैं, वहां खुले स्थान पर आसमान के नीच रख दिया जाता है। जहां पर गिद्ध आकर शव को खा जाते हैं। पारसियों के अंतिम संस्कार की इस प्रक्रिया को ‘दोखमेनाशिनी’ कहा जाता है।