छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के जीवन और वीरता को उजागर करने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी ऐतिहासिक थीम पार्क ‘शिवसृष्टि’ का निर्माण किया गया है। हालांकि यह 20 फरवरी से नागरिकों के लिए खोला जाएगा।
पुणे के आंबेगांव (Ambegaon) में यह 21 एकड़ में फैला हुआ है। इतिहास के विद्वान स्वर्गीय बाबासाहेब पुरंदरे (Babasaheb Purandare) ने परियोजना की परिकल्पना की और इसके निष्पादन के लिए महाराजा शिवछत्रपति प्रतिष्ठान (Maharaja Shivchhatrapati Pratishthan) का गठन किया।
इसका पहला चरण, सरकारवाड़ा (Sarkarwada) 17वीं शताब्दी की वास्तुकला को दर्शाता है जिसमें प्रदर्शनी दीर्घाएँ (Exhibition Galleries) हैं, जहाँ विभिन्न किलों से संबंधित कहानियों और सूचनाओं को ऑडियो-विजुअल माध्यम से बताया जाएगा। इसमें देवगिरि (Devgiri), शिवनेरी (Shivneri), पुरंदर (Purandar), विशालगढ़ (Vishalgad), पन्हालगढ़ (Panhalgad), सिंधुदुर्ग (Sindhudurg) और सिंहगढ़ (Sinhagad) जैसे किलों की कहानियां और प्रतिकृतियां प्रदर्शनी का हिस्सा होंगी।
महत्वपूर्ण ‘एस्केप फ्रॉम आगरा’ कहानी (Escape from Agra) को 3डी तकनीक से डिजाइन किया गया है। यहां आने वाले लोग मैड मैपिंग तकनीक के माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज के भाषण सुन सकेंगे। इसमें दो अन्य प्रदर्शनी दीर्घाएँ, रणंगन, शिवाजी महाराज के हथियार और शत्रुओं की जानकारी भी दी जाएगी। एक ट्रस्टी ने बताया कि पहले चरण के लिए कुल 438 करोड़ रुपये खर्च हुए। जबकि इसके निर्माण के लिए 60 करोड़ रुपये का दान मिला।