महाराष्ट्र के बीड निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी ने पंकजा मुंडे को मैदान में उतारा था। लेकिन वो कड़े मुकाबले में हार गईं। इस हार को उनके समर्थक सहन नहीं कर पा रहे है। खबर है कि बीजेपी नेता के अब तक 4 समर्थकों ने आत्महत्या कर ली है। इस बीच, पंकजा मुंडे ने चारों समर्थकों के परिजनों से मुलाकात की है। इस दौरान पंकजा मुंडे फूट फूटकर रो पड़ीं।
आत्महत्या मत करो नहीं तो राजनीति छोड़ दूंगी!
पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से भावनात्मक अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर उनके समर्थक आत्महत्या जैसा घोर कदम उठाना बंद नहीं करेंगे तो वह राजनीति छोड़ देंगी। पंकजा मुंडे की लोकसभा चुनाव में हार के बाद से अब तक सचिन मुंडे, पांडुरंग सोनवणे, पोपट वायभासे और गणेश बडे ने जान दी है।
7 जून को लातूर के रहने वाले सचिन मुंडे ने आत्महत्या कर ली। पंकजा मुंडे के कट्टर समर्थक सचिन ने बस के आगे कूदकर जान दी। 9 जून को पांडुरंग सोनवणे बीड के अंबाजोगाई में आत्महत्या कर ली। इसके बाद 10 जून को अष्टी निवासी पोपट वायभासे ने आत्महत्या कर ली। पंकजा मुंडे के समर्थक गणेश बडे ने 16 जून को एक खेत में खुद को फांसी लगा ली।
मैं अपने लोगों को खोना नहीं चाहती..
पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से विनती करते हुए कहा, “मेरे कार्यकर्ता मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं। कृपया ऐसा कदम न उठाएं, अपने बच्चों और परिवार को न छोड़ें।” पूर्व मंत्री ने आगे कहा, “हम निश्चित रूप से इतने कमजोर नहीं हैं कि हार से निराश हो जाएं, लेकिन यह दर्द मेरे लिए असहनीय है। जिंदगी से हार मत मानो। अगर आप ऐसा नेता चाहते हैं जो साहस के साथ लड़े, तो मुझे भी ऐसा कार्यकर्ता चाहिए जो साहस के साथ लड़े.. मैं अपने लोगों को खोना नहीं चाहती.. मैं हार से निराश नहीं होती लेकिन ऐसी घटनाएं मुझे हिला देती हैं। मैं आज बहुत दुखी हूं।”
करीबी मुकाबले में मिली हार
बता दें कि पंकजा मुंडे बीजेपी के दिग्गज नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। एनसीपी नेता व शिंदे सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे उनके चचेरे भाई हैं। बीड में पंकजा मुंडे का मुकाबला बजरंग सोनवणे (शरद पवार गुट) से था। वह सोनवणे से बेहद करीबी मुकाबले में 6,553 वोटों से हार गईं। बीजेपी नेता पंकजा मुंडे लोकसभा चुनाव में शरद पवार की एनसीपी के उम्मीदवार से बेहद करीबी मुकाबले में 6,553 वोटों से हार गईं।