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अमोल कोल्हे आज शरद पवार के साथ
शिरूर से एनसीपी के लोकसभा सांसद (Shirur Lok Sabha constituency) अमोल कोल्हे ने अपने राजनीतिक रुख को स्पष्ट करते हुए एक ट्वीट किया है, जिसमें कहा है, ‘जब दिल और दिमाग में जंग हो तो दिल की सुनो। शायद दिमाग कभी कभी नैतिकता भूल जाता है … पर दिल कभी नहीं।‘
कई विधायकों ने बदला रुख
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार के अगुवाई वाले खेमे की ओर से 30 से अधिक विधायकों का समर्थन होने का दावा किया गया है। जिसमें से अब चार विधायकों ने अचानक तटस्थ रुख अपना लिया है। जबकि कल तक अजित पवार का समर्थन करने वाले 9-10 विधायक अपना फैसला बलदने की तैयारी में है।
नरहरी जिरवल नॉट रिचेबल!
उन्होंने स्पष्ट कहा है कि वह अजित पवार के साथ नहीं बल्कि शरद पवार के साथ हैं। वहीं एनसीपी नेता व महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी जिरवल नॉट रिचेबल हो गए हैं। नरहरी पिछले दो वर्षों में यह चौथी बार नॉट रिचेबल हुए है। शाहपुर के विधायक दौलत दरोडा कल अजित पवार के साथ मौजूद थे। लेकिन आज वह शरद पवार के खेमे में आ गए हैं।
अजित पवार को 36 विधायकों के समर्थन की जरूरत
फ़िलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि अजित पवार और शरद पवार के साथ कुल कितने विधायक हैं। उधर, एनसीपी ने अजित पवार समेत अपने 9 नेताओं के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) के पास अयोग्यता याचिका दायर की है। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों को लागू करने से रोकने के लिए अजित पवार गुट को कम से कम 36 विधायकों के समर्थन की जरूरत है।