मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission) को अजित पवार की ओर से एनसीपी पार्टी और उसके चिह्न पर दावा करने वाली याचिका मिली है। जबकि आयोग को शरद पवार गुट की ओर से एक कैविएट मिला है, जिसमें बताया गया है कि उन्होंने 9 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रक्रिया शुरू कर दी है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि चुनाव आयोग को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करने वाली एक याचिका मिली है। जबकि चुनाव आयोग को शरद पवार गुट के NCP नेता जयंत पाटिल (Jayant Patil) से एक कैविएट प्राप्त हुआ है। जिसमें बताया गया कि एनसीपी ने एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हुए नौ विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, जल्द ही चुनाव पैनल मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत इस पर आगे की कार्रवाई शुरू करेगा। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग को सर्वसम्मति से अजित पवार को एनसीपी अध्यक्ष चुनने का प्रस्ताव भी मिला है।
चुनाव आयोग को महाराष्ट्र एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल की ओर से 3 जुलाई को एक ईमेल प्राप्त हुआ है, जिसमें कैविएट दाखिल किया गया है। जबकि आयोग को 3 जुलाई को जयंत पाटिल का एक पत्र भी मिला है जिसमें महाराष्ट्र विधानसभा के नौ सदस्यों की अयोग्यता की कार्यवाही शुरू करने की जानकारी दी गई है।
बता दें कि जयंत पाटिल ने शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हुए अजित पवार और 8 अन्य एनसीपी विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करते हुए विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को एक अर्जी सौंपी है। हालांकि नार्वेकर ने कहा कि अभी यह पता लगाना बाकि है कि एनसीपी सत्ता में है या विपक्ष में है।
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सोमवार को बताया था कि उनके कार्यालय को शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में विभाजन का उल्लेख करने वाली कोई याचिका नहीं मिली है। नार्वेकर ने कहा, ‘‘मुझे पहले यह तय करना होगा कि एक राजनीतिक दल के रूप में एनसीपी का प्रतिनिधित्व कौन कर रहा है। फिर तय करूंगा कि क्या उनके पास ऐसे बदलाव करने के लिए पर्याप्त विधायकों का समर्थन है।’’ एनसीपी में वर्चस्व की लड़ाई बुधवार को तब और बढ़ गई जब दोनों धड़ों ने शक्ति प्रदर्शन के लिए एक साथ अलग-अलग बैठकें कीं।