31 साल बाद मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ा हत्या का आरोपी, 1992 से दे रहा था चकमा, नालासोपारा से अरेस्ट
पहले दोनों थे पड़ोसी
दोनों पहले कलंबोली में पड़ोसी थे और किशोरावस्था से उनके बीच प्रेम संबंध थे। हालाँकि, जब दोनों परिवारों को इस बात का पता चला, तो उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया। कुछ समय बाद वैभव का परिवार दूसरी जगह रहने के लिए चला गया। हालाँकि, वैष्णवी और वैभव लगातार संपर्क में बने रहे। जांच से पता चला कि वे पांच साल से रिलेशनशिप में थे।
कॉलेज से घर नहीं लौटी
12 दिसंबर को वैष्णवी की मां अरुणा ने कलंबोली पुलिस स्टेशन में बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। सायन के एसआईईएस कॉलेज में पढने वाली वैष्णवी डेटा साइंस की छात्रा थी। वह 12 दिसंबर को सुबह 10 बजे कॉलेज के लिए घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। काफी समय बाद जब पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला तो मामला 6 जनवरी को क्राइम ब्रांच की मानव तस्करी विरोधी इकाई (एएचटीयू) को ट्रांसफर कर दिया गया।
हत्या करने के बाद ट्रेन के आगे कूदा
छानबीन के दौरान एएचटीयू टीम ने लड़की का मोबाइल टावर लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज हासिल किया। उन्हें पता चला कि वैष्णवी और वैभव 12 दिसंबर को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक खारघर पहाड़ियों पर थे। वैष्णवी की हत्या करने के बाद वैभव ने उसी दिन शाम 5 बजे के आसपास जुईनगर स्टेशन पर चलती ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। वाशी जीआरपी ने लड़के की मौत को लेकर आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था।
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कोड से खुला राज!
एक अधिकारी ने बताया कि वैभव के फोन की जांच करने पर हमें उसमें एक नोट मिला जिसमें लिखा गया था कि उसने खारघर पहाड़ियों पर वैष्णवी का गला घोंट दिया है और उसके शव को झाड़ियों में फेंका है। वैभव ने कथित तौर पर वैष्णवी के किसी और के साथ रिश्ते में होने के संदेह में वारदात को अंजाम दिया। लड़के ने नोट में एक खास कोड -LOI-501- भी लिखा था, जो जांच में अहम साबित हुआ। दरअसल यह कोड वृक्ष जनगणना संख्या थी, जो वन विभाग ने खारघर की पहाड़ियों पर पेड़ों को दी थी। जहां वैभव ने 19 वर्षीय वैष्णवी का शव ठिकाने लगाया था।
सड़ चुकी थी लाश
वैष्णवी के माता-पिता ने शव की पहचान उसके कपड़ों और कलाई घड़ी से की, जो उसने लापता होने वाले दिन पहनी थी। मौके से वैष्णवी का कॉलेज आईडी कार्ड की डोरी भी मिली।
रिश्ता खत्म करना चाहती थी लड़की
पुलिस के अनुसार, लड़की का परिवार उनके प्रेम संबंध से नाखुश था क्योंकि वे अलग-अलग जातियों से थे, जिसके कारण वैष्णवी वैभव से रिश्ता तोड़ना चाहती थी। उसने पिछले कुछ महीनों से वैभव को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया था और उसका नंबर भी ब्लॉक कर दिया था। यही वजह है कि आरोपी ने उसे मारने का फैसला किया। उसने वैष्णवी को अंजाम भुगतने की भी धमकी भी दी थी।
प्लान बनाकर आया वैभव?
इस मामले की जांच से जुड़े अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के आगे छलांग लगाने से पहले वैभव ने अपना फोन पटरी के पास फेंक दिया था। जब हमने फोन चालू किया, तो हमें एक मैसेज मिला जिसमें लिखा था: ‘जिस किसी को भी यह फोन मिले वह इसे पुलिस या मेरे परिवार को सौंप दे।” आगे की जांच करने पर, पुलिस को लगभग आठ पन्नों का एक हाथ से लिखा सुसाइड नोट भी मिला, जिसके अंत में कोड ‘LO1-501’ लिखा था। सुसाइड नोट से यह साफ हो गया था कि उसने लड़की की हत्या कर दी है, लेकिन ठिकाने का पता नहीं चल सका। आखिरकार जांच में पुलिस को लोकेशन का भी पता चल गया।