मुंबई लोकल को इस मेट्रो शहर की लाइफलाइन कहा जाता है। दरअसल रविवार और छुट्टियों के दिन पश्चिमी, मध्य (मेन लाइन) और हार्बर रेलवे मरम्मत का काम करते हैं। इस वजह से रविवार और छुट्टियों के दिन अमूमन मेगाब्लॉक होता है। ऐसे में लोकल ट्रेनें केवल 40 फीसदी क्षमता से चलती हैं। इसलिए मुंबईकरों को कहीं आने-जाने में काफी दिक्कत होती है। और छुट्टियों के दिन कही जानें के लिए लोगों को बेस्ट बसों, टैक्सियों और ऑटो रिक्शा से यात्रा करना पड़ता है।
यहां तक कि बेस्ट भी छुट्टियों के दिन पूरी क्षमता से बसें नहीं चलाता। इससे आम मुंबईकरों को काफी परेशानी होती है। इससे निजात दिलाने के लिए बेस्ट अपनी बसों के संचालन में अहम बदलाव करेगी।
बेस्ट के महाप्रबंधक लोकेश चंद्र ने कहा कि विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करने के बाद परिवहन विभाग ने बेस्ट बसों के रविवार और छुट्टी के दिन संचालन के पैटर्न को फिर से डिजाइन करने का फैसला किया है। वर्तमान में, बेस्ट शहर में प्रतिदिन 3,600 से अधिक बसों का संचालन करता है, जिनका उपयोग सप्ताह के दिनों में 35 लाख से अधिक यात्रियों द्वारा किया जाता है। इस बीच, वर्तमान में लगभग 25,000 टैक्सियाँ शहर की सड़क पर चल रही हैं, जिनमें से लगभग 40 फीसदी ही रविवार को चलती हैं।
गौरतलब हो कि 75 वर्ष पुरा कर चुकी बेस्ट मुंबई और इसके आसपास के क्षेत्रों में बस सेवा मुहैया कराती है और इसके 3,600 बसों के बेड़े में 400 से अधिक ई-बसें शामिल हैं। बताया जा रहा है कि 2026 तक बेस्ट के बेड़े में सभी इलेक्ट्रिक बसें होंगी।