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अमोल मिटकरी ने राज ठाकरे को क्या कहा था? क्यों हुआ पूरा विवाद?
अजित पवार गुट के नेता अमोल मिटकरी मंगलवार को जब अकोला के सरकारी रेस्ट हाउस में पहुंचे तो गुस्साए मनसे कार्यकर्ताओं ने उनकी कार पर धावा बोल दिया। इस मामले के मुख्य आरोपी पंकज साबले और एक अन्य पदाधिकारी सौरभ भगत को गिरफ्तार कर लिया गया है। पंकज साबले मनसे के अकोला जिला अध्यक्ष हैं। गिरफ्तारी के बाद उन्हें बेचैनी महसूस होने पर दोनों को इलाज के लिए जिला सरकारी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीँ, इस तोड़फोड़ मामले में मुख्य सूत्रधार मनसे के प्रदेश महासचिव कर्णबाला दुनबले को माना जा रहा है, जो फ़िलहाल फरार हैं। आरोप है कि दुनबले ने ही एनसीपी नेता पर हमले के लिए मनसे कार्यकर्ताओं को उकसाया था। दुनबले समेत 10 आरोपी फरार बताये जा रहे हैं।
तोड़फोड़ के बाद मनसे पदाधिकारी की मौत
अमोल मिटकरी द्वारा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे को ‘सुपारीबाज नेता’ कहे जाने के बाद मनसे कार्यकर्ता आक्रामक हो गए और उन्होंने एनसीपी नेता की कार तोड़ दी। मनसे कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की। इस प्रदर्शन में मनसे पदाधिकारी जय मालोकार भी शामिल हुए। इसके बाद मालोकार की तबीयत खराब हो गई और उन्हें अकोला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। कथित तौर पर तोड़फोड़ की घटना के दौरान मनसे और अमोल मिटकरी के समर्थकों के बीच हाथापाई भी हुई थी। इस वाद के बाद जय मालोकार के सीने में दर्द होने लगा, उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान मनसे पदाधिकारी की मौत हो गई।