मिली जानकारी के मुताबिक, मनसे कार्यकर्ता जय मालोकार की मौत 30 जुलाई की शाम में हुई थी। उस वक्त कहा गया था कि मालोकार की मौत हार्ट अटैक से हुई है। लेकिन अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि जय की मौत दिल का दौरा पड़ने से नहीं बल्कि बेरहमी से पिटाई के कारण हुई थी। मालोकार के कई अंग गंभीर रूप से घायल पाए गए। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि जय मालोकार की मौत इन्हीं चोटों के कारण हुई होगी।
जय मालोकर के परिवार ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। जय के बड़े भाई विजय मालोकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की है।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे की आलोचना के बाद 30 जुलाई को मनसे कार्यकर्ताओं ने अकोला पहुंचे अमोल मिटकारी की कार में तोड़फोड़ की थी। इस प्रदर्शन में मनसे पदाधिकारी जय मालोकार भी शामिल हुए। इसके बाद मालोकार की तबीयत खराब हो गई और उन्हें अकोला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कुछ ही घंटों में मालोकार की मौत हो गई।
कथित तौर पर तोड़फोड़ की घटना के दौरान मनसे कार्यकर्ताओं और अमोल मिटकरी के समर्थकों के बीच हाथापाई हुई थी। इसके बाद ही जय मालोकार के सीने में दर्द होने लगा, उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान मनसे पदाधिकारी की मौत हो गई।
अमोल मिटकारी की कार में तोड़फोड़ के मामले में मनसे के 20 कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसमें जय मालोकार का नाम भी शामिल था। लेकिन उसी दिन जय की मौत हो गई। जय मनसे छात्र सेना के अकोला जिले के उपाध्यक्ष थे। इसके अलावा वह परभणी में होम्योपैथी पाठ्यक्रम के तीसरे वर्ष के छात्र थे।