विदित हो कि मौजूदा समय में म्हाडा की ओर से जोर-शोर से इसका सर्वेक्षण कार्य करा रही है, जबकि वहां के निवासी और टेनेंट्स के आपसी विवादों से सर्वेक्षण कार्य में अवरोध पैदा कर रहे हैं। वहीं परियोजना में देरी के कारणों को ध्यान में रखते हुए म्हाडा प्रशासन ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। बीडीडी चॉल में सर्वेक्षण कार्य के दौरान साइट इंजीनियर मौजूद रहते हैं था। इसलिए स्थानीय स्थिति का अनुमान लगाते हुए और आवश्यकतानुसार सरकारी कार्यों में बाधाओं के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार संबंधित पुलिस स्टेशनों को दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि महाडा के अधिकारियों की ओर से अभी तक फिलहाल इस तरह की कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। वहीं म्हाडा अधिकारियों का कहना है कि नए गांव और वर्ली की तुलना में एनएम जोशी मार्ग पर कुछ समुदाय के लोग बीडीडी चावल पुनर्विकास में विरोध पैदा कर रहे हैं, जबकि राजनीतिक बल का उपयोग करते हुए कुछ लोग एनएम जोशी मार्ग पर बीडीडी चॉल पुनर्विकास प्रक्रिया को लागू करने में जानबूझ कर देरी कर रहे हैं। इस दरम्यान राज्य सरकार ने बीडीडी चॉल के निवासियों को ट्रांजिट कैंप में जाने के लिए म्हाडा प्रशासन को पहले ही अनुमति दे दी है।