Maratha Reservation: 17वें दिन खत्म हुई मनोज जरांगे की भूख हड़ताल! सीएम के हाथों जूस पीकर तोड़ा अनशन
‘सब्र रखें मराठा’
मराठा नेता मनोज जरांगे ने राज्य भर से लाखों की संख्या में आए समुदाय के सदस्यों से कहा कि उन्हें 10 दिन और धैर्यपूर्वक इंतजार करना चाहिए। इस दौरान उन्हें अन्य जाति समूहों के नेताओं के किसी भी उकसावे में नहीं आना चाहिए। दरअसल राज्य सरकार मौजूदा ओबीसी कोटा में मराठों को शामिल करने की संभावना तलाश रही है, जबकि अन्य जाति समूहों के नेता मौजूदा ओबीसी कोटा में मराठों को समायोजित करने की मांग का विरोध कर रहे हैं।
मराठों को भड़काने का प्लान
अंतरवाली सराटी में शनिवार को विशाल रैली को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे ने कहा, ”हमारी एकता को तोड़ने की कोशिश की जाएगी। छगन भुजबल और एक दूसरे नेता को डिप्टी सीएम और सीएम ने मराठों को बयान देकर भड़काने के लिए कहा है। इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप प्रतिक्रिया न करें और किसी भी प्रकार की हिंसा का सहारा न लें। हमने देश और दुनिया को दिखाया है कि हम बड़ी संख्या में इकट्ठा हो सकते हैं और शांतिपूर्ण विरोध कर सकते हैं। मराठा एकजुट नहीं हो सकते, हमने इस मिथक को भी तोड़ दिया है।“
‘कमेटी का नाटक बंद करों’
जरांगे ने मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र देने की संभावना को सत्यापित करने के लिए नियुक्त की गई राज्य कमेटी को भी खारिज करने की मांग की। उन्होंने कहा, “कमेटी और सबूत इकट्ठा करने का नाटक बंद करो। मराठों को मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा में रिजर्वेशन दो। इससे क़ानूनी पेंच भी नहीं फसेगा।”
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कब?
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मराठा कोटा बहाल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से दायर क्यूरेटिव याचिका को स्वीकार कर लिया है। शीर्ष कोर्ट ने ही कुछ साल पहले मराठा आरक्षण रद्द कर दिया था।