मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे मनोज जरांगे ने कहा कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी उम्मीदवार या पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे. उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल करने वाले अपने समर्थकों से अपना नाम वापस लेने को कहा है।
महाराष्ट्र चुनाव के लिए 4 नवंबर को नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन है। राज्य विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
मांग के मुताबिक मराठा आरक्षण नहीं देने के कारण जरांगे ने बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी के महायुति गठबंधन के कुछ उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया था। इसके लिए कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को चिह्नित भी किया गया था।
मनोज जरांगे ने पहले घोषणा की थी कि वह पार्वती, दौंड (पुणे), फुलम्ब्री, कन्नड़ (छत्रपति संभाजीनगर), हिंगोली, पाथरी (परभणी) और हदगांव (नांदेड़) में उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा था कि वह भोकरदन (जालना), गंगापुर (छत्रपति संभाजीनगर), कलमनुरी (हिंगोली), गंगाखेड और जिंतूर (परभणी) और लातूर में औसा के मौजूदा विधायकों को हराने के लिए प्रचार करेंगे। ये सभी विधायक महायुति गठबंधन के हैं।
‘किसी के दबाव में नहीं लिया फैसला’
मनोज जरांगे ने आज सुबह जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में पत्रकारों से कहा, ‘‘काफी विचार-विमर्श के बाद मैंने राज्य में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। मराठा समुदाय खुद तय करेगा कि किसे हराना है और किसे चुनना है। मैं किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल को समर्थन नहीं दे रहा और ना ही मेरा उनसे कोई संबंध है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि उन पर सत्तारूढ़ ‘महायुति’ या विपक्षी महाविकास आघाडी (एमवीए) की ओर से कोई दबाव नहीं है। एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और एनसीपी (शरद पवार) शामिल है। मनोज जरांगे ने कहा, “मुझ पर किसी का कोई दबाव नहीं है। मराठा हितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के आधार पर समुदाय खुद ही निर्णय लेगा कि उसे किसे समर्थन देना है।“ उन्होंने मतदाताओं से उम्मीदवारों से लिखित या वीडियो के जरिये मराठा हितों का समर्थन करने का वचन मांगने का आग्रह किया।
‘मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष जारी रहेगा’
जरांगे ने कहा, महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के समर्थन के बिना कोई भी जीत नहीं सकता है। मराठा समुदाय के लोग किसी भी नेता की रैली में शामिल न होने और किसी भी पार्टी के बहकावे में न आने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने मराठा समुदाय के साथ अन्याय किया है या उसे परेशान किया है, उन्हें मतदान के माध्यम से सबक सिखाया जाना चाहिए। मराठा आरक्षण के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा।