विदर्भ में दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति जून के महीने में अपेक्षा से धीमी रही है। इस वजह से विदर्भ के सभी 11 जिलों में कम बारिश हुई है। नागपुर (Nagpur) में तो अब तक 111.6 मिमी बारिश हुई है, जो कि पिछले साल 30 जून 2021 की तूलना में काफी कम (166.3 मिमी) है।
सामान्य से कम बारिश ने आम जनता के साथ ही किसानों के बीच भी चिंता पैदा कर दी है। पूरे विदर्भ में बुवाई के काम में देरी हुई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है। जबकि 16 जुलाई के बाद मानसून के रफ्तार पकड़ने की बात कही है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार वर्षा जो सामान्य से माइनस 20 से माइनस 59 प्रतिशत विचलन दर्शाती है, उसे कम बारिश होना कहा जाता है। इसी तरह, सामान्य वर्षा एलपीए (Long Period Average) के माइनस 19 प्रतिशत और प्लस 19 प्रतिशत के बीच होती है।
जून महीने में विदर्भ में केवल पांच जिलों में दोहरे अंकों में बारिश दर्ज हुई। अब तक यवतमाल में केवल 82.3 मिमी बारिश हुई, जबकि एलपीए के औसत के अनुसार 165.3 मिमी होनी चाहिए थी। ऐसे ही वर्धा में 162.2 मिमी के मुकाबले 86.6 मिमी, अमरावती में 142.7 मिमी के मुकाबले 89.2 मिमी, चंद्रपुर में 178.8 मिमी के मुकाबले 97.4 मिमी, गढ़चिरौली में 210.3 मिमी के मुकाबले 98.7 मिमी बारिश हुई।
वहीँ, अकोला में 138.0 मिमी के मुकाबले 105.1 मिमी बारिश हुई, भंडारा में 180.3 मिमी के मुकाबले 104.8 मिमी बारिश हुई, बुलढाणा में 130.8 मिमी के मुकाबले 102.8 मिमी, गोंदिया में 185.9 मिमी के मुकाबले 128.4 मिमी, वाशिम में अब तक 167.3 मिमी के मुकाबले 106.1 मिमी बारिश दर्ज हुई।
एक दिन पहले ही चंद्रपुर में अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि वर्धा में 36.5 डिग्री सेल्सियस रहा। ब्रम्हापुरी और यवतमाल में भी अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया। नागपुर, अकोला, अमरावती, बुलढाणा, गढ़चिरौली, गोंदिया और वाशिम जैसे अन्य स्थानों में बुधवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। जबकि गढ़चिरौली एकमात्र ऐसा स्थान रहा जहां 29 मिमी बारिश हुई। पूरे विदर्भ में न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रिकॉर्ड किया गया।