scriptMaharashtra: क्या बच्चू कडू के जाने से गिर जाएगी शिंदे-फडणवीस सरकार? आंकड़ों में समझिए किसका पलड़ा भारी | Maharashtra Politics will Shinde-Fadnavis government collapse after leaving Bacchu Kadu over Ravi Rana row | Patrika News
मुंबई

Maharashtra: क्या बच्चू कडू के जाने से गिर जाएगी शिंदे-फडणवीस सरकार? आंकड़ों में समझिए किसका पलड़ा भारी

Maharashtra Politics: बच्चू कडू ने रवि राणा को आरोपों का सबूत पेश करने या माफी मांगने तथा उनके खिलाफ लगाए आरोप वापस लेने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही यह बताए कि गुवाहाटी गए विधायकों को पैसे दिए गए थे, या नहीं।

मुंबईOct 30, 2022 / 07:17 pm

Dinesh Dubey

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एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस

Bachchu Kadu Vs Ravi Rana: पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती जिले के बडनेरा के विधायक रवि राणा और प्रहार जनशक्ति पार्टी (Prahar Janshakti Party) के प्रमुख बच्चू कडू (Bachchu Kadu) के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसको लेकर विपक्ष शिंदे-फडणवीस सरकार पर जमकर निशाना साध रहा है। जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद मध्यस्थता के लिए विवाद में कूद पड़े हैं। लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। इसी वजह से रवि राणा और बच्चू कडू की जुबानी लड़ाई अब शिंदे और बीजेपी के लिए सिरदर्द बन गई है।
बीजेपी समर्थक विधायक रवि राणा और शिंदे गुट के विधायक बच्चू कडू के बीच सार्वजनिक तौर पर झगड़ा चल रहा है। कडू ने निर्दलीय विधायक रवि राणा से माफी मांगने को कहा है। कुछ दिन पहले राणा ने कडू पर शिवसेना के एकनाथ शिंदे नीत खेमे में शामिल हेाने के लिए गुवाहाटी जाकर पैसे लेने का आरोप लगाया था।
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राणा और कडू ने शिंदे-बीजेपी सरकार के वरिष्ठ नेताओं से इस मुद्दे का हल निकालने की मांग की है। जिसके बाद दोनों नेताओं को मुंबई बुलाया गया है। राणा मुंबई पहुंच चुके है और कडू के भी आज रात तक पहुंचने की खबर है।
बता दें कि इस साल जून में सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में अब तक का सबसे बड़ा विद्रोह हुआ, जिसके कारण तत्कालीन उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन के महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गयी थी। तब कडू को भी मंत्री पद मिला था। लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार में उन्हें अभी तक कोई मंत्री पद नहीं मिला।

बच्चू कडू बेहद नाराज!

कडू ने राणा को आरोपों का सबूत पेश करने या माफी मांगने तथा उनके खिलाफ लगाए आरोप वापस लेने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही यह बताए कि गुवाहाटी गए विधायकों को पैसे दिए गए थे, या नहीं।
कडू ने अमरावती में कहा कि राणा के आरोपों से उनकी मानहानि हुई है और अगर इस मुद्दे का कोई संतोषजनक समाधान नहीं निकला तो उन्हें मजबूरन कोई बड़ा कदम उठाना पड़ेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि सात से आठ विधायक उनके संपर्क में हैं। कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी के सदन में दो विधायक हैं।

यहां समझिए महाराष्ट्र विधानसभा का गणित

बता दें कि राणा और कडू अमरावती जिले में क्रमश: बदनेरा तथा अचलपुर विधानसभा सीटों का प्रतिनिधित्व करते हैं और मुख्यमंत्री शिंदे की गठबंधन सरकार का समर्थन कर रहे हैं। बीजेपी के 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 106 विधायक हैं। जबकि शिंदे के धड़े में शिवसेना के विधायकों की संख्या 40 है। शिंदे सरकार को बागी विधायकों के साथ ही कुछ निर्दलीयों और छोटे दलों के विधायकों का समर्थन हासिल है।
जुलाई महीने में हुए शक्ति परीक्षण में 288 सदस्यीय सदन में 164 विधायकों ने शिंदे सरकार के पक्ष में मतदान किया था, जबकि 99 विधायकों विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ थे। इसी साल मुंबई के अंधेरी पूर्व सीट से शिवसेना विधायक के निधन के बाद विधानसभा में विधायकों की मौजूदा संख्या घटकर 287 हो गई, इसलिए महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अभी 144 विधायकों के समर्थन की जरुरत है।

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