शिवसेना के संविधान के मुताबिक पक्ष प्रमुख के बाद पार्टी में 13 नेता पद है। इसके बाद उपनेता, जिला प्रमुख और विभाग प्रमुख आते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी एक प्रस्ताव पेश किया जिसके बाद शिवसेना से दगा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार उद्धव ठाकरे को दिया गया। महाराष्ट्र में जारी संकट के बीच राजधानी मुंबई में पुलिस ने धारा 144 लगा कर दी है।
राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक में लिए गए ये संकल्प- उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर कार्यकारिणी को पूरा भरोसा। सारे निर्णय लेने के अधिकार पक्षप्रमुख के तौर पर उद्धव ठाकरे को होंगे।
शिवसेना को धोखा देने वाले लोगों को नहीं मिलेगीमाफी ।
शिवसेना के जो काम हैं वह लोगों तक पहुंचाए जाएं।
शिवसेना और बालासाहब ठाकरे का नाम कोई नहीं इस्तेमाल कर सकता।
बागी विधायक जब तक माफी नहीं मांगते सेना भवन में प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
इन प्रस्तावों को बैठक में सर्वसम्मति से पास किया गया है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के पार्टी के खिलाफ विद्रोह करने और कम से कम 38 विधायकों को लेकर गुवहाटी पहुंचने के बाद महा विकास आघाड़ी (एमवीए) बड़े राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। मिली जानकरी के मुताबिक शिंदे समर्थकों ने अपने अलग गुट का नाम सोच लिया है। शिंदे कैंप ने ‘शिवसेना – बालासाहेब ठाकरे गुट’ के नाम को अपनाने का फैसला किया है। इस पर शिवसेना ने आयोग में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि शिंदे गुट ‘बाला साहब’ और ‘शिवसेना’ का नाम इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
सेना भवन में शिव सैनिकों को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बागी विधायक एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे को हमने बड़ी जवाबदारी दी थी। वे बालासाहेब ठाकरे के नाम के बिना वोट मांगकर दिखाएं। हिम्मत हो तो खुद के बाप के नाम पर वोट मांगे। शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की थी और हमेशा उनकी ही रहेगी। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि बागियों को पहले उनका फैसला लेने दो फिर हमें जो उचित लगेगा हम वो करेंगे।