सोमवार को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान होना है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने ‘मिशन-200’ को अपने हाथों में लिया है। बीजेपी और शिंदे खेमे के पास कुल 170 विधायक हैं। शिवसेना के समर्थन देने की घोषणा से यह संख्या 185 विधायकों तक पहुंच गई है। फिलहाल बीजेपी और शिंदे गुट के पास कुल 170 विधायक हैं। जब से शिवसेना ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपती मुर्मू को समर्थन देने का एलान किया है, यह संख्या 185 विधायकों तक पहुंच गई है।
अब सवाल ये उठता है कि क्या सीएम एकनाथ शिंदे के एलान के बाद 200 विधायकों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सीएम की नजर कांग्रेस और एनसीपी विधायकों पर है? ऐसी चर्चा राजनीती गलियारों में चल रही है। एकनाथ शिंदे को अपना वादा पूरा करने के लिए अभी भी 15 विधायकों के वोटों की जरूरत होगी। तो क्या वे इसके लिए एकनाथ शिंदे एनसीपी-कांग्रेस के विधायकों पर निगाहें गड़ाए हुए हैं?
अब सबकी नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे राष्ट्रपति चुनाव में एनसीपी और कांग्रेस विधायकों को तोड़ पाएंगे या नहीं। कांग्रेस के 44 और एनसीपी के पास 53 विधायक हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि राष्ट्रपति पद के लिए किस पार्टी के 15 और विधायकों की जरूरत होगी।
बता दें कि 18 जुलाई को होने वाले मतदान की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इस बार मतगणना 21 जुलाई को होगी और इसी दिन देश के नए राष्ट्रपति का एलान किया जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों की कुल संख्या को मिलाकर वोट की वैल्यू निकाली जाती है। फिलहाल देश में कुल वोट वैल्यू 1,086,431 है। किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए 543,216 वोटों की जरूरत होती है। सूत्रों की माने तो फिलहाल एनडीए के खाते में कुल 533,751 वोट हैं, जबकि यूपीए के पास 360,362 वोट हैं।