आखिरकार आठ घंटे बाद पुलिस ने दुग्ध संघ के कार्यकारी निदेशक मनोज लिमये के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। उधर, एकनाथ खडसे ने यू-टर्न लेते हुए कहा है कि दूध संघ में गबन नहीं बल्कि चोरी होती है। इस बीच खडसे के प्रदर्शन से सियासी माहौल गर्म हो गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, करीब आठ घंटे के आंदोलन के बाद दूध संघ के कार्यकारी निदेशक मनोज लिमये के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। जिला दुग्ध संघ के माल के निरीक्षण में पाया गया कि संघ का 80 लाख मूल्य का 14 टन सफेद मक्खन बाहरी जिलों में भेजा गया है। लेकिन बाहर जाने वाले माल का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है।
वहीँ, मिल्क पाउडर के स्टॉक में भी 30 से 35 लाख रुपये के 360 बोरे का कोई हिसाब नहीं मिला है। जांच में पता चला कि कुल 1 करोड़ 15 लाख रुपये का माल कथित तौर पर चोरी हुआ है। मनोज लिमये की ओर से दी गई शिकायत के अनुसार संबंधित सामान को दुध संघ के अधिकारियों की मदद से अन्य लोगों ने चोरी कर लिया। इस शिकायत के अनुसार संदिग्ध आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
एकनाथ खडसे ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने संदिग्ध आरोपियों को बचाने में पूरी भूमिका निभाई है और पुलिस की मदद से अपराधी फरार हो गए हैं। अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। न्याय अभी तक नहीं मिला है। एकनाथ खडसे ने सवाल उठाया कि अगर मेरे साथ ऐसा हाल है तो आम लोगों को न्याय कैसे मिलेगा?
साथ ही एकनाथ खडसे ने आरोप लगाया कि पुलिस और आरोपी मिले हुए हैं। खडसे ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनका आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि लगभग एक से डेढ़ करोड़ रुपये की चोरी हुई है, फिर भी कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, राज्य में स्थिति खराब है और कानून व्यवस्था में विश्वास खो रहा है।