अधिकारियों ने बताया कि तीन लड़कियों में से एक 11 साल की थी, जबकि दो 13 साल की थीं। उनकी योजना थी पुणे जाकर पैसे कमाना और फिर दक्षिण कोरिया जाना। इसलिए तीनों अपने घर से पुणे जाने के लिए रवाना हो गई। पकड़े जाने पर नाबालिग लड़कियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने अपहरण का नाटक रचा था, ताकि पैसे मिलने के बाद वह दक्षिण कोरिया जाकर मशहूर पॉप बैंड बीटीएस के सदस्यों से मिल सकें।
27 दिसंबर को धाराशिव पुलिस की हेल्पलाइन पर एक फोन आया। कॉल करने वाले ने दावा किया कि ओमेरगा तालुका से तीन लड़कियों को जबरदस्ती एक स्कूल वैन में ले जाया गया है। इस आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। शुरुआती जांच में पता चला कि फोन किसी महिला के नंबर से आया था, जो ओमेरगा से पुणे जा रही एसटी बस में थी। पुलिस ने सोलापुर जिले के मोहोल क्षेत्र में बस का पता लगाया गया। जिसके बाद मोहोल पुलिस और एक स्थानीय दुकानदार की मदद से लड़कियों को बस से उतारा गया और स्थानीय थाने ले जाया गया। इस बीच, ओमेरगा पुलिस टीम नाबालिग के अभिभावकों के साथ भी आ गई।
पूछताछ में लड़कियों ने बताया सच
एक अधिकारी ने बताया कि जब अगले दिन पुलिस ने लड़कियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनकी पुणे जाकर वहां काम करने और पैसे कमाने की योजना थी। जिससे वे दक्षिण कोरिया जाकर बीटीएस बैंड के सदस्यों से मिल सकें।