मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रामीणों ने सभी साधुओं को बच्चा चोर समझा और उन्हें मारने लगे। हाल ही में इलाके में बच्चों का अपहरण का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें आरोपी साधु के भेष में थे।
अब सोशल मीडिया पर साधुओं के साथ बर्बरता का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले पर महाराष्ट्र डीजीपी रजनीश सेठ ने सांगली के एसपी से रिपोर्ट तलब की है। पीड़ित साधु मथुरा के श्री पंचमनामा जूना अखाड़ा से सांगली जिले सहित विभिन्न स्थानों का दौरा करने के लिए आये थे। साधु रात में गांव (जहां घटना हुई) के एक मंदिर में रुके थे। अगली सुबह, जब साधु गाँव से निकल रहे थे, उन्होंने एक लड़के से पता पूछा।
सूत्रों के मुताबिक साधु लड़के से अपने अगले गंतव्य का रास्ता पूछ रहे थे। इस बीच, कुछ स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले आपराधिक गिरोह का हिस्सा हैं। उन्होंने साधुओं की पहचान को गलत समझा और कुछ देर में नाराज ग्रामीणों ने बहस शुरू कर दी। देखते ही देखते साधुओं को लाठियों से पीटने लगे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा “दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते बढ़ गई और स्थानीय लोगों ने साधुओं को कथित तौर पर लाठियों से पीट दिया।” अधिकारी ने कहा कि पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और साधु को बचाया।
साधुओं ने आरोपी ग्रामीणों के खिलाफ कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं की। पुलिस के अनुसार, साधुओं ने कहा कि घटना गलतफहमी के कारण हुई है। बता दें कि महाराष्ट्र में साधुओं के साथ हिंसा की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी 2020 में पालघर जिले के गढ़चिंचाले गांव में भीड़ ने बच्चा चोर समझकर दो साधुओं की नृशंस हत्या कर दी थी।